
हाईकोर्ट ने अंकिता हत्याकांड मामले में उसके माता-पिता को याचिका में पक्षकार बनाकर उन्हें विस्तृत जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी पूछा है कि उन्हें एसआईटी की जांच पर संदेह क्यों हो रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। अंकिता के माता पिता ने कहा कि उन पर केस वापस लेने के दबाव डाला जा रहा है।
मामले की जांच सीबीआई से कराने के मामले में दायर याचिका पर शुक्रवार को वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में सुनवाई हुई। अंकिता की माता सोनी देवी और पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।
*केस वापस लेने का बना रहे दबाव*
अंकिता के माता-पिता ने कहा कि उन पर केस को वापस लेने का दवाब डाला जा रहा है। क्राउड फंडिंग का आरोप भी लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी को बचाने के लिए डीएम का स्थानांतरण कर दिया गया।
. कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाए जांच अधिकारी कोर्ट ने जांच अधिकारी से पूछा है कि फोरेंसिक जांच में क्या साक्ष्य मिले, पर जांच अधिकारी कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि रिजॉर्ट को ध्वस्त करने से पहले फोटोग्राफी की गई थी। अंकिता के कमरे से बैग के अलावा कुछ नहीं मिला।
सीएम ने कहा, बेटी को न्याय दिलाने के लिए करेंगे प्रयास दिल्ली में दरिंदगी की शिकार हुई उत्तराखंड की बेटी के पिता को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वस्त किया कि उत्तराखंड सरकार उन्हें न्याय दिलाने के लिए उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जब भी दिल्ली आएंगे तो उनसे मुलाकात करेंगे। उच्चतम न्यायालय के फैसले के देहरादून से लेकर दिल्ली तक तीव्र प्रतिक्रिया हुई है। सीएम ने कहा कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में देख रहीं वकील चारू खन्ना तथा केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की है।
दिल्ली में हरीश रावत के नेतृत्व में निकाला कैंडल मार्च
देहरादून। दिल्ली से लगते छावला इलाके में उत्तराखंड की बेटी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से दोषियों के बरी होने के बाद लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। नई दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकालकर बेटी को न्याय दिलाने की गुहार लगाई।
शुक्रवार को नई दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में गढ़वाल भवन से वीर चंद्र सिंह गढ़वाली चौक तक कैंडल मार्च निकाला गया। इसमें उत्तराखंड की प्रवासी संस्थाएं गंगोत्री पर्वतीय कांग्रेस, गढ़वाल हितैषी सभा और कई राज्य निर्माण आंदोलनकारी संगठनों के नेता शामिल हुए। पूर्व सीएम रावत ने कहा
कि उत्तराखंड की बेटी का हत्यारा कौन, उसके साथ निर्मम दुष्कर्म करने वाले आरोपी कौन हैं, यह सवाल देश की जनता पूछ रही है। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में आया है कि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने भी केंद्र सरकार के सामने इस प्रसंग को उठाया है। उन्होंने कहा कि न्याय दिलाने की जिम्मेदारी राज्य और केंद्र सरकार की बनती है, वह अपनी इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं।