
उत्तराखंड एक बार फिर कुदरत के कहर की चपेट में है। बीते 24 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश ने राज्य के कई जिलों में तबाही मचा दी है। अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 16 लोग अब भी लापता हैं। सबसे ज्यादा नुकसान राजधानी देहरादून में हुआ है, जहां 13 लोगों की जान गई है।
देहरादून के प्रेमनगर, सहस्रधारा, मालदेवता और मजयाड़ा क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया। रिस्पना, बिंदाल और चंद्रभागा जैसी नदियां उफान पर रहीं, जिससे कई इलाकों में पानी भर गया और मकान, दुकानें और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं।
राज्य में सबसे दुखद घटना टोंस नदी में सामने आई, जहां एक ट्रैक्टर-ट्रॉली तेज बहाव में बह गई। इसमें कुल 14 लोग सवार थे।
8 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, 2 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है, जबकि 4 अब भी लापता हैं।
मृतकों में अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और संभल जिले से थे।
मृतकों और लापता लोगों की पहचान
मृतक:
सोमवती (65), रीना (30), मदन (50), नरेश (50), हरिचरण (60), किरण (60), रानी (18), फरमान (30)
लापता:
राजकुमार (26), हुराम (22), सुंदरी (35), नीता (16)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा:
“हमारी पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। प्रशासन, SDRF और अन्य एजेंसियां युद्धस्तर पर काम कर रही हैं।”
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं और राहत शिविरों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा है। जिलाधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि जिनके घर असुरक्षित हो गए हैं, उन्हें ₹4,000 प्रतिमाह किराया सहायता दी जाए।
देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
सहस्रधारा-कार्लीगाड मोटर मार्ग 9 से अधिक स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है। कई आवासीय भवन, दुकानें, होटल और एक आंगनबाड़ी केंद्र को नुकसान पहुंचा है।
मौसम विभाग का अलर्ट जारी
- मौसम विभाग ने उत्तराखंड के लिए 20 सितंबर तक यलो अलर्ट जारी किया है।
- 17 सितंबर: देहरादून और बागेश्वर में भारी बारिश
- 18-20 सितंबर: राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा
इसके बाद मानसून के कमजोर होने की संभावना