
रुद्रपुर के एक थाना क्षेत्र में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां दो बालिग लड़कियां आपस में शादी करने की जिद पर अड़ी हुई हैं। मामला थाने तक पहुंचा, जहां पुलिस को भी इस अनोखी स्थिति से जूझना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार, एक युवती के पिता ने थाने में शिकायत दी कि उनकी बेटी पर दूसरी लड़की शादी करने के लिए लगातार दबाव बना रही है। परिजनों का कहना है कि दूसरी युवती उनकी बेटी को साथ रहने और शादी करने के लिए मजबूर कर रही है, जिससे परिवार परेशान है।
जब मामला पुलिस के पास पहुंचा, तो थाने के अधिकारियों ने दोनों लड़कियों से बातचीत कर उन्हें समझाने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि भारत में दो बालिग महिलाएं अगर आपसी सहमति से साथ रहना चाहें तो कानून उन्हें इसकी इजाज़त देता है, लेकिन फिलहाल भारत में समान लिंग के लोगों की शादी को कानूनी मान्यता नहीं है।
पुलिस अधिकारियों ने समझाया कि यह विवाह कानून और सामाजिक व्यवस्था के तहत संभव नहीं है। इसके बावजूद, दूसरी लड़की अपनी जिद पर अड़ी रही और शादी की बात पर कायम रही।
धारा 377 को सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में रद्द कर दिया, जिससे समलैंगिक संबंध अब अपराध नहीं हैं। दो बालिग व्यक्ति आपसी सहमति से साथ रह सकते हैं, यानी लिव-इन रिलेशनशिप की अनुमति है। लेकिन भारत में समलैंगिक विवाह को अब तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है।
इस घटना ने एक बार फिर LGBTQ+ समुदाय को लेकर समाज की सोच और भारत के कानूनों के बीच अंतर को उजागर किया है। जहां युवा पीढ़ी अपनी पसंद को खुलकर अपनाना चाहती है, वहीं कानून और समाज अभी पूरी तरह से इसके लिए तैयार नहीं दिखते।
❝ समाज में ऐसे मामलों को समझदारी से सुलझाने और सही जानकारी देने की ज़रूरत है, ताकि न तो किसी की भावनाएं आहत हों और न ही कानून की अनदेखी हो। ❞