
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियो ने भाजपा के अंदरखाने सियासी पारा गर्मा दिया है। जिसको लेकर मीडिया में दिए बयान में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसे एक साजिश भी बताया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री से भी मांग है कि वह इसकी जांच कराएं।
बीते दिनों सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ जो कि खबर के फॉर्मेट में बनाया गया है। इसमें भाजपा के 20 विधायकों को साथ लेकर कांग्रेस से हाथ मिलाकर प्रदेश में सरकार बनाने की खबर प्रसारित की गई। इस वायरल वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस वीडियो मामले में एफआईआर कराएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी इसकी जांच कराने का अनुरोध किया।
त्रिवेंद्र रावत का इसके पीछे किसी की साजिश और संरक्षण प्राप्त होने का दावा
ब्रेकिंग न्यूज की शैली में बने वीडियो में कहा गया है कि त्रिवेंद्र के साथ भाजपा के 20 विधायक कांग्रेस की सरकार बनाने जा रहे हैं। बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत का डेढ़ माह पहले भी कुछ शरारती तत्वों ने इसी प्रकार का दुष्प्रचार किया था। ऐसे में त्रिवेंद्र रावत का कहना है कि यह एक बड़ा षडयंत्र है। इन तत्वों को किसी का संरक्षण भी प्राप्त है। मीडिया में दिए बयान में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऐसे वीडियो बनाने वालों को लेकर आपत्ति जताई साथ ही इसके पीछे किसी की साजिश और संरक्षण प्राप्त होने का दावा किया है।
पेपर लीक मामले में एसटीएफ की टीम द्वारा की जा रही लगातार गिरफ्तारी से संतुष्ट
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को बंद करने की मांग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पेपर लीक मामले में एसटीएफ की टीम द्वारा की जा रही लगातार गिरफ्तारी से संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने न सिर्फ यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले की गंभीरता से जांच होने की बात कही बल्कि कोचिंग सेंटर्स को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर्स पर भी निगरानी करना चाहिए, ये देखना चाहिए कि वहां से कितने बच्चे सलेक्ट हुए हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि उन कोचिंग सेंटरों पर भी एसटीएफ को नजर दौड़ाने की आवश्यकता है।