
उत्तराखंड पर्यटन विभाग इस शीतकाल में रोमांच और आस्था के संगम को नए आयाम देने जा रहा है। विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए राज्य के तीन प्रमुख ट्रैकिंग रूटों को “ट्रैक ऑफ द ईयर” घोषित किया है। इसका उद्देश्य पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ते हुए साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।
पर्यटन विभाग ने घोषणा की है कि सितंबर 2025 से मार्च 2026 तक इन रूटों पर ट्रैकिंग अभियान चलाया जाएगा, जिसमें विशेष सुविधाएं और प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
- घोषित ट्रैक ऑफ द ईयर – 2025-26
- बन्कटिया ग्लेशियर (पिथौरागढ़) — समुद्र तल से ऊँचाई: 11,811 फीट
- चेनाव वैली (चमोली) — समुद्र तल से ऊँचाई: 12,998 फीट
- गुलाबी कांठा (उत्तरकाशी) — समुद्र तल से ऊँचाई: 12,431 फीट
ट्रैकिंग को बढ़ावा देने के लिए विभाग प्रति ट्रैकर ₹2000 की प्रोत्साहन राशि पंजीकृत टूर ऑपरेटरों को देगा। यह सुविधा पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर उपलब्ध होगी। साथ ही, उत्तराखंड के स्थानीय ट्रैकर्स को अवसर देने हेतु यह अनिवार्य किया गया है कि समूहों में राज्य और बाहर के प्रतिभागियों का अनुपात 2:1 रखा जाए।
इसके साथ ही, उत्तराखंड में हाई एल्टीट्यूड मैराथन को लेकर भी तैयारियाँ जोरों पर हैं। प्रसिद्ध धावक अमर सुब्बा ने हाल ही में गुंजी (10,500 फीट) से आदि कैलाश और पार्वती कुंड (17,513 फीट) तक 40 किलोमीटर का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया। यह रूट अक्टूबर में होने वाली “आदि कैलाश हाई एल्टीट्यूड मैराथन” के लिए चिह्नित किया गया है।
अमर सुब्बा, जो एवरेस्ट मैराथन 2025 में द्वितीय स्थान प्राप्त कर चुके हैं, को इस अभियान के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। उनके अनुभव और दिशा-निर्देशन से इस आयोजन को वैश्विक पहचान मिलने की उम्मीद है।
पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल के अनुसार, “यह मैराथन न केवल धार्मिक और प्राकृतिक महत्व को सामने लाएगी, बल्कि उत्तराखंड को चरम साहसिक पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर भी विशेष पहचान दिलाएगा , उत्तराखंड सरकार का यह प्रयास न केवल प्रदेश की आर्थिक एवं पर्यटन गतिविधियों को सशक्त करेगा, बल्कि युवाओं को साहसिक खेलों से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ट्रैकिंग प्रेमियों और साहसिकता के शौकीनों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है — जहाँ प्रकृति, संस्कृति और साहस एक साथ मिलते हैं।