
उत्तराखंड की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट्स में अब तेजी आने वाली है। डीआरएम मुरादाबाद संग्रह मौर्य ने सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान बताया कि देहरादून-मसूरी रेलवे प्रोजेक्ट का प्राथमिक सर्वे पूरा हो गया है और जल्द ही फाइनल लोकेशन सर्वे शुरू कर दिया जाएगा।
डीआरएम मौर्य ने बताया कि सहारनपुर-देहरादून रेलवे प्रोजेक्ट का फाइनल लोकेशन सर्वे इस समय गतिमान है। इसके साथ ही हर्रावाला रेलवे स्टेशन की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी मिल गई है। हालांकि, प्रोजेक्ट को अभी अंतिम स्वीकृति मिलना बाकी है। मुख्य सचिव ने हर्रावाला स्टेशन के विस्तारीकरण कार्य को तेज करने के लिए रेलवे, वन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम को संयुक्त सर्वेक्षण शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
बैठक में कुंभ 2027 की तैयारियों को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि महाकुंभ से पहले हरिद्वार-देहरादून रेल मार्ग को डबल लाइन करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए वन और वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के निर्देश दिए।
रेलवे को कुंभ के दौरान यातायात प्रबंधन (Traffic Management) और सर्कुलेशन प्लान तैयार करने को भी कहा गया है। साथ ही रेलवे विभाग को मेला अधिकारी नामित कर कुंभ संबंधी बैठकों में समन्वय हेतु प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने को कहा गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि रेलवे और राज्य सरकार के बीच सूचना आदान-प्रदान की मजबूत व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने सभी प्रकार के परिवहन साधनों को ध्यान में रखते हुए अगले 50 वर्षों की जरूरतों को कवर करने वाला प्लान तैयार करने का सुझाव दिया।
इसके अतिरिक्त, ऋषिकेश-डोईवाला रेलवे बाईपास के लिए भी राजाजी टाइगर रिजर्व और रेलवे विभाग की संयुक्त टीम को संयुक्त सर्वेक्षण शीघ्र करने को कहा गया है। सर्वे के बाद वाइल्डलाइफ और फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव बृजेश कुमार संत, सी. रविशंकर, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा, और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
उत्तराखंड में रेलवे कनेक्टिविटी को लेकर सरकार और रेलवे के बीच समन्वय तेज हुआ है। मसूरी, सहारनपुर और हर्रावाला जैसे क्षेत्रों में रेल सुविधाओं के विस्तार से राज्य की यात्रा सुगम होगी। कुंभ 2027 जैसे बड़े आयोजन के मद्देनज़र ये योजनाएं समय पर पूरी हों, यही प्रशासन का लक्ष्य है।