
देश में तेजी से बदलती जीवनशैली और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण बेली फैट, यानी पेट के आसपास की चर्बी, अब एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है। हाल के वर्षों में इससे जुड़े मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह मोटापा, मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
📈 बेली फैट क्यों बढ़ रहा है?
- अनियमित खान-पान: जंक फूड, शक्करयुक्त पेय, अधिक तेल और मैदे से बनी चीजों का अत्यधिक सेवन पेट में फैट जमा होने का प्रमुख कारण है।
- बैठे रहने की आदत: ऑफिस वर्क, ऑनलाइन क्लास और स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी के चलते शारीरिक गतिविधियाँ कम हो गई हैं।
- नींद की कमी और तनाव: नींद पूरी न होना और लगातार तनाव में रहना शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन बढ़ाता है, जिससे चर्बी पेट के आसपास जमा होती है।
- शराब का सेवन: शराब पीने से विशेष रूप से पेट के पास फैट बढ़ने की संभावना रहती है, जिसे आम भाषा में “बीयर बेली” भी कहा जाता है।
🧬 स्वास्थ्य पर प्रभाव
बेली फैट शरीर के भीतर स्थित अंगों के आसपास जमा होता है, जिसे विसरल फैट (Visceral Fat) कहा जाता है। यह फैट शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और निम्नलिखित बीमारियों की आशंका बढ़ा देता है:
- टाइप 2 डायबिटीज
- दिल की बीमारियाँ
- थायरॉइड समस्याएं
- फैटी लिवर
- स्लीप एपनिया और सांस की तकलीफ
✅ कैसे करें बेली फैट पर नियंत्रण?
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पेट की चर्बी को प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, नीचे दिए गए उपाय कारगर हैं:
🔹 संतुलित आहार अपनाएं:
- प्रोटीन युक्त भोजन (अंडे, दालें, पनीर, चिकन) लें।
- फाइबर युक्त सब्जियाँ और फल खाएं।
- सफेद चीनी, मैदा, और तले हुए पदार्थों से दूरी बनाएं।
🔹 नियमित व्यायाम करें:
- प्रतिदिन 30-45 मिनट की कार्डियो एक्सरसाइज करें – जैसे तेज़ चलना, साइक्लिंग, दौड़ना।
- सप्ताह में कम से कम 3 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें – जैसे स्क्वैट्स, प्लैंक, पुश-अप्स आदि।
🔹 तनाव प्रबंधन और नींद:
- योग, प्राणायाम और मेडिटेशन से मानसिक शांति पाएं।
- रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
🔹 पानी का सेवन बढ़ाएं:
दिन में 3-4 लीटर पानी पिएं। गुनगुना पानी या नींबू-शहद पानी भी लाभकारी होता है।
🗣️ क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
डॉ. नवीन शर्मा, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, कहते हैं:
“पेट की चर्बी एक ‘साइलेंट किलर’ की तरह है। लोग इसे सामान्य मोटापा समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह अंदर से शरीर को खोखला कर रहा होता है।”
योग विशेषज्ञ सीमा अग्रवाल कहती हैं:
“भुजंगासन, नौकासन और कपालभाति जैसे योगासन बेली फैट कम करने में बहुत कारगर हैं, लेकिन इन्हें नियमित रूप से करना जरूरी है।”
पेट की चर्बी न केवल आपकी फिटनेस को प्रभावित करती है, बल्कि यह गंभीर बीमारियों को भी आमंत्रण देती है। सही समय पर सावधानी बरतकर, संतुलित आहार, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। खुद को स्वस्थ रखना केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के प्रति एक सकारात्मक कदम भी है।