राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छठे और वर्तमान सरसंघचालक मोहन भागवत आज 75 वर्ष के हो गए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें न केवल जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं, बल्कि एक विशेष लेख के माध्यम से उनके जीवन दर्शन, विचारशील नेतृत्व और समाज के प्रति उनकी सेवा भावना को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मोहन भागवत जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन वसुधैव कुटुम्बकम, बंधुत्व, और सामाजिक समरसता को समर्पित कर दिया। उन्होंने उन्हें “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना का जीवंत उदाहरण बताया।
मोहन भागवत का जन्म 11 सितम्बर 1950 को हुआ था। वे वर्ष 2009 से आरएसएस के सरसंघचालक पद पर हैं और उनके नेतृत्व में संगठन ने विचार, सेवा और संवाद के तीनों आयामों में नए विस्तार प्राप्त किए हैं।
प्रधानमंत्री ने उन्हें “अत्यंत विचारशील, संयमित और समर्पित” व्यक्तित्व बताया और लिखा:
“आज जब भारत तेज़ी से बदल रहा है, ऐसे समय में मोहन भागवत जी जैसे संतुलित दृष्टिकोण वाले नेतृत्वकर्ता का मार्गदर्शन समाज के लिए अमूल्य है।”
यह भी एक ऐतिहासिक संयोग है कि भागवत जी का 75वां जन्मदिन उस वर्ष पड़ा है जब आरएसएस अपनी शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है। साथ ही विजयादशमी, गांधी जयंती, और लाल बहादुर शास्त्री जयंती भी इस वर्ष एक ही दिन पड़ रही हैं — जिससे यह समय राष्ट्रवाद और सेवा भावना के दृष्टिकोण से और भी विशेष बन गया है।
मोहन भागवत उन नेताओं में हैं जिनका प्रभाव केवल संगठन तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग पर पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा:
“वे न केवल संगठन को दिशा देते हैं, बल्कि समाज को जोड़ने वाली एक विचारधारा को भी जीवंत रखते हैं। उनका जीवन प्रेरणा है — सेवा, समर्पण और संयम की।”
भागवत जी के जन्मदिवस के अवसर पर पूरे देश में सेवा कार्य, रक्तदान शिविर, स्वच्छता अभियान, और राष्ट्रवादी विचार गोष्ठियाँ आयोजित की गईं। संघ से जुड़े लाखों कार्यकर्ताओं ने इसे “समर्पण पर्व” के रूप में मनाया।