
रुद्रप्रयाग के बसुकेदार क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया है, लेकिन जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आपदा के बाद से ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें लगातार लापता लोगों की खोज में जुटी हैं, ताकि हर एक व्यक्ति सुरक्षित घर लौट सके।
प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं शीघ्र बहाल की गई हैं, जिससे लोगों को जीवन यापन में थोड़ी राहत मिली है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित परिवारों तक हर संभव सहायता पहुँचाई जाए।
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने प्रभावित क्षेत्रों को सेक्टरों में बांटकर वहां नोडल अधिकारियों को तैनात किया है, जिससे राहत कार्यों में तेजी और बेहतर समन्वय सुनिश्चित हो सके। वे स्वयं लगातार राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
खाद्य एवं पूर्ति विभाग ने तलजामण, डूंगर और उछोला जैसे दुर्गम इलाकों में सामुदायिक किचन शुरू किए हैं, जहां दैनिक जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उछोला क्षेत्र में मौसम साफ होते ही हेलीकॉप्टर के जरिए राशन पहुंचाया गया।
जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि बांगर क्षेत्र के डांगी, स्यूर, मध्य गांव समेत कई अन्य दूरदराज इलाकों में तीन महीने का राशन पहले ही वितरित किया जा चुका है, और अब सितंबर माह के राशन वितरण का काम भी शुरू हो गया है। विभाग की टीमें लगातार प्रभावित परिवारों की हर जरूरत पर नजर रखे हुए हैं।
इस प्राकृतिक आपदा की विपदा के बीच, प्रशासन की तत्परता और समन्वय से प्रभावित लोगों को राहत मिलने लगी है, जिससे यहां के लोग मुश्किलों का सामना धैर्य और उम्मीद के साथ कर रहे हैं।