
बीते 12 महीनों में सोने और चांदी की कीमतों में हुई रिकॉर्ड तेजी ने निवेशकों को चौंकाया भी और आकर्षित भी किया। जहां सोने ने लगभग 50% का रिटर्न दिया है, वहीं चांदी भी 45% से अधिक चढ़ी है। लेकिन अब इन ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद केडिया एडवाइजरी के प्रमुख अजय केडिया का मानना है कि सोने में निवेश को लेकर थोड़ी सतर्कता बरतनी चाहिए।
केडिया ने कहा कि सोना एक सुरक्षित एसेट क्लास जरूर है, लेकिन जब कोई एसेट पहले ही 50% का रिटर्न दे चुका हो, तो उसमें बिना करेक्शन के और निवेश करना समझदारी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2025 में सोना करीब 10% गिरा था — जो निवेशकों के लिए चेतावनी है कि करेक्शन आ सकता है।
उनका सुझाव है कि अगर सोने की कीमतों में 8-10% की गिरावट आती है, तभी निवेशकों को दोबारा प्रवेश करना चाहिए। वर्तमान स्तर पर इसमें लॉन्ग टर्म निवेश की सलाह नहीं दी गई है।
जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा हालात में कौन-सी धातु ज्यादा आकर्षक है, तो अजय केडिया का जवाब साफ था — चांदी।
उनका तर्क यह था कि:
- चांदी की मांग उद्योगों में लगातार बढ़ रही है, खासकर सोलर और इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में।
- चांदी अभी भी सोने की तुलना में सस्ती है — गोल्ड-सिल्वर रेशियो यही दर्शाता है।
- ऐतिहासिक रूप से 1980 और 2011 में चांदी 50 डॉलर प्रति औंस तक जा चुकी है।
- अगर फिर से वही स्तर आता है और रुपया कमजोर रहता है, तो चांदी 145 रुपये प्रति ग्राम तक पहुंच सकती है।
- “चांदी अब सिर्फ गहनों की धातु नहीं, बल्कि भविष्य की तकनीकी धातु बन चुकी है।” – अजय केडिया
📈 रिटर्न की तुलना: शेयर बाजार बनाम कीमती धातुएं
एसेट 12 महीनों का प्रदर्शन
सोना 🔼 +50%
चांदी 🔼 +45%
Nifty 50 🔽 -3.16%
इस तुलना से स्पष्ट है कि जिन्होंने हार्ड एसेट्स (सोना-चांदी) में निवेश किया, उन्होंने इक्विटी निवेशकों से बेहतर रिटर्न कमाया।