रियाद/अबू धाबी: मध्य पूर्व के दो शक्तिशाली देशों, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच तनाव तेज हो गया है। सऊदी अरब ने यूएई को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि यमन से अपने सभी सैनिक तुरंत वापस बुलाए जाएं। चेतावनी के पालन न होने की स्थिति में दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव की संभावना है।
सऊदी अरब का आरोप है कि यूएई यमन के अलगाववादी बलों को हथियार और सैन्य सहायता प्रदान कर रहा है। इसी को लेकर सऊदी ने यमन के मुकल्ला बंदरगाह पर हवाई हमले किए, जिसमें यूएई द्वारा भेजे गए हथियार और युद्धक वाहन निशाना बने।
यमन के हूती-विरोधी बलों ने आपातकाल घोषित करते हुए यूएई के साथ सभी सहयोग समाप्त कर दिया। यमन ने अपने क्षेत्रों में सभी अमीराती बलों को 24 घंटे के भीतर छोड़ने का आदेश दिया। साथ ही सीमा पारगमन पर 72 घंटे का प्रतिबंध और हवाई अड्डों एवं बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगा दी गई।
दोनों देश मध्य पूर्व के कई मुद्दों पर निकटता रखते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में आर्थिक और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के कारण संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। सऊदी अरब ने चेतावनी दी है कि किसी भी उल्लंघन की स्थिति में वह पुरजोर जवाब देने के लिए तैयार है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह विवाद यमन संकट को और जटिल बना सकता है और क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर असर डाल सकता है।
