
हरिद्वार/देहरादून। 2027 में हरिद्वार में आयोजित होने वाला अर्द्धकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान और व्यवस्थागत क्षमता का प्रदर्शन होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस महायोजना को लेकर कमर कस ली है।
सबसे बड़ी प्राथमिकता — तीर्थयात्रियों की सेहत और सुरक्षा। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 54 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की है, जिसमें स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार के कार्य शामिल हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी श्रद्धालु चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे। कुंभ क्षेत्र में कुल 2924 बेड की व्यवस्था की जा रही है:
- 373 बेड अस्थायी अस्पतालों में,
- 1101 बेड सरकारी अस्पतालों में,
- और 1450 बेड निजी अस्पतालों में आरक्षित किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, 40 एम्बुलेंस, नवीन अस्पताल भवन, और आधुनिक चिकित्सा उपकरण तीर्थयात्रियों की सेवा में लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारा प्रयास है कि हर श्रद्धालु कुंभ से दिव्यता, भव्यता और पूर्ण संतोष का अनुभव लेकर लौटे। यह मेला न केवल आस्था का केंद्र होगा, बल्कि उत्तराखंड की संवेदनशील और सक्षम प्रशासनिक सोच का प्रतीक भी बनेगा।”
राज्य की विभिन्न एजेंसियाँ समन्वय से कार्य कर रही हैं ताकि मेला व्यवस्थित, सुरक्षित और यादगार बन सके। प्रशासन का संकल्प है — “हर तीर्थयात्री सुरक्षित, स्वस्थ और संतुष्ट।”