
कुमाऊं परिक्षेत्र की पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने गुरुवार को खटीमा कोतवाली में आयोजित थाना दिवस में जनता दरबार और सैनिक सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने आम लोगों और पुलिसकर्मियों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को समयबद्ध समाधान के निर्देश दिए।
आईजी ने साफ कहा कि उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें कोई ढील नहीं दी जाएगी। उन्होंने जनता से अपील की कि नशे की किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही चेतावनी दी कि यदि शिकायत पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महिला उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतों पर उन्होंने कहा कि पीड़िता को पूरा न्याय दिलाया जाएगा। मुकदमे की सही तरीके से पैरवी हो और पीड़िता को भरण-पोषण मिले, यह सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी है।
जनता ने बताया कि स्कूल और कॉलेज के बाहर कुछ युवा मॉडिफाइड बाइक से उपद्रव मचाते हैं। इस पर आईजी ने एक माह का विशेष अभियान चलाकर ऐसे युवाओं की बाइक सीज करने का आदेश दिया। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि नाबालिग बच्चों को बाइक न दें।
डिजिटल अरेस्ट जैसे नए साइबर ठगों के तरीकों को लेकर आईजी ने कहा कि यह पूरी तरह फर्जी है और ऐसा कोई कानून नहीं है। लोगों को बुजुर्गों को जागरूक करने की सलाह दी गई।
आईजी ने बताया कि जाम और अतिक्रमण की समस्या को हल करने के लिए एसपी सिटी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है जो एक माह में रिपोर्ट देगी। इसमें रास्ते चौड़े करने, कट खोलने और अतिक्रमण हटाने जैसे सुझाव शामिल होंगे।
महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों से बातचीत कर आईजी ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया। उन्होंने थानों में महिला रेस्ट रूम की सुविधा और “मिशन संवाद” योजना की जानकारी दी, जो पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों की मदद के लिए चलाई जा रही है। उन्होंने पुलिसकर्मियों को बीट क्षेत्र में अधिक सक्रिय रहने और जनता से सीधे जुड़ने की सलाह दी। इससे पहले आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने पुलिस अधीक्षक चंपावत अजय गणपति कुंभार के साथ बनबसा के मजगांव स्थित निर्माणाधीन थाना भवन का निरीक्षण किया और ज़रूरी दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर एसएसपी मणिकान्त मिश्रा, एसपी क्राइम निहारिका तोमर, एसपी सिटी उत्तम सिंह नेगी, कोतवाल सुनीता रावत और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
“पुलिस और जनता मिलकर ही अपराधों पर नियंत्रण कर सकते हैं। हम सभी की भागीदारी से ही कुमाऊं को सुरक्षित, नशा मुक्त और साइबर अपराध मुक्त बनाया जा सकता है।”