
क्या एक पालतू जानवर की लापरवाह परवरिश किसी निर्दोष की जान पर भारी पड़ सकती है? देहरादून के बिधौली इलाके में ओखल आमवाला की रहने वाली 25 वर्षीय मोहिनी क्षेत्री पर रॉटविलर नस्ल के एक कुत्ते ने जिस तरह से हमला किया, उसने इस सवाल को गंभीर बना दिया है।
शाम करीब साढ़े छह बजे मोहिनी अपनी भाभी के साथ रोज़ की तरह घर लौट रही थीं, तभी अचानक एक बिना मालिक के खुले में घूमता रॉटविलर उनके सामने आ गया और देखते ही देखते सिर पर हमला कर दिया। महिला घबराकर जमीन पर बैठ गईं, पर कुत्ते ने सिर अपने जबड़ों में जकड़ लिया और दांत गड़ा दिए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि करीब तीन मिनट तक मोहिनी का सिर कुत्ते के मुंह में फंसा रहा। लोग चिल्लाते रहे, लाठियां चलाई गईं, लेकिन कुत्ता टस से मस नहीं हुआ। अंत में किसी ने उसकी आंखों पर पानी डाला, तब जाकर वह पीछे हटा।
लहूलुहान हालत में मोहिनी को तत्काल निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें 18 इंजेक्शन दिए गए और डॉक्टरों ने संक्रमण का खतरा बताते हुए एक महीने तक इलाज की जरूरत बताई। मोहिनी के पति विजय क्षेत्री सेना में कार्यरत हैं और घटना के वक्त शहर से बाहर थे। सूचना मिलने पर वे तुरंत लौटे और पत्नी को कैंट अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि घर में उनकी तीन साल की बेटी भी है, और अब पूरा परिवार सदमे में है।
कुत्ते के मालिक धूम सिंह बिष्ट के खिलाफ प्रेम नगर थाने में FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि यह कुत्ता प्रतिबंधित नस्ल का है और बिना टीकाकरण या निगरानी के खुले में घूम रहा था। मालिक को नोटिस दिया गया है और जांच जारी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि घटना के बाद मालिक ने न अफसोस जताया, न माफी मांगी। उन्होंने केवल यह कहा — “यह कुत्ता तो किसी को नहीं काटता, पता नहीं आज क्या हो गया।”
रॉटविलर जैसी आक्रामक नस्लें सामान्य परिस्थितियों में भी खतरनाक मानी जाती हैं। कई नगर निगमों और हाउसिंग सोसाइटियों ने इन्हें प्रतिबंधित कर रखा है। लेकिन जब तक ऐसे पालतू जानवरों पर निगरानी रखने वाला तंत्र सख्त नहीं होगा, ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।
घटना के बाद स्थानीय लोग डरे हुए हैं। मोहल्ले में मांग उठ रही है कि ऐसे खतरनाक कुत्तों को या तो हटाया जाए या फिर पालकों पर कड़ी निगरानी रखी जाए। लोगों का कहना है, “आज मोहिनी घायल हुई हैं, कल कोई बच्चा भी हो सकता है।”