
रविवार का दिन पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार, नैनीताल के लिए विशेष रहा, जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विद्यालय पहुंचकर न केवल स्वच्छता ही सेवा अभियान में भाग लिया, बल्कि बच्चों को गंगा की स्वच्छता और संरक्षण की शपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “स्वच्छता केवल एक दिन का कार्य नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन और सोच का हिस्सा बनना चाहिए।” उन्होंने कहा कि एक स्वच्छ उत्तराखंड की कल्पना तभी साकार होगी, जब हर नागरिक, खासकर बच्चे, इस दिशा में जागरूक और सक्रिय हों।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति से बच्चों में उत्साह का माहौल देखने लायक था। कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व छात्रों ने नमामि गंगे अभियान के तहत विद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया। झाड़ू लेकर साफ-सफाई करते इन नन्हें हाथों ने यह संदेश दिया कि स्वच्छता का बीज बचपन में ही बोया जाना चाहिए।
“हमें अपने स्वभाव और संस्कारों में स्वच्छता को शामिल करना होगा। जब साफ-सफाई हमारी आदत बन जाएगी, तब किसी अभियान की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गंगा हमारी संस्कृति, आस्था और पहचान की प्रतीक है। इसके संरक्षण के लिए जन-भागीदारी आवश्यक है।
👥 इन गणमान्य लोगों की रही उपस्थिति:
- दीपक रावत – आयुक्त कुमाऊं एवं मुख्यमंत्री के सचिव
- डॉ. पराग मधुकर धकाते – विशेष सचिव, मुख्यमंत्री
- रिद्धिम अग्रवाल – आईजी, कुमाऊं
- वंदना – जिलाधिकारी, नैनीताल
- विशाल मिश्रा – कार्यक्रम निदेशक, नमामि गंगे उत्तराखंड
- पूरन कापड़ी – संचार विशेषज्ञ
- डॉ. सूर्यप्रकाश – प्रधानाचार्य, सरस्वती विहार
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने छात्रों और शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि एक स्वच्छ वातावरण ही एक स्वस्थ समाज की नींव है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे स्वच्छता को केवल जिम्मेदारी नहीं, अपना दायित्व और संस्कृति समझें।