
तमिलनाडु के एन्नोर में मंगलवार की शाम एक निर्माणाधीन इमारत भरभराकर गिर पड़ी, जिसमें काम कर रहे 9 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। ये मजदूर करीब तीस फीट की ऊँचाई पर काम कर रहे थे, और सुरक्षा उपकरणों के बिना जान जोखिम में डालकर रोज़ी रोटी कमा रहे थे।
घटना स्थल से जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे सिस्टम की लापरवाही और मजदूरों की निरंतर अनदेखी की कहानी कहती हैं। हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुँचा, और घायलों को स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जानकारी के मुताबिक, सभी मृतक मजदूर असम से थे, जो रोज़गार की तलाश में सैकड़ों किलोमीटर दूर दक्षिण भारत आए थे। लेकिन उन्हें ना सुरक्षा मिली, ना ज़िंदगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मजदूरों को बिना किसी सेफ्टी बेल्ट या हेलमेट के ऊंचाई पर चढ़ाया गया था।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घटना पर दुख जताया और कहा कि,
“यह बेहद दुखद है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और उनकी हरसंभव सहायता की जाएगी।”
सीएम ने ₹10 लाख प्रति मृतक परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की है, साथ ही निर्देश दिया कि शवों को असम तक पहुँचाने की पूरी व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। बिजली मंत्री एस.एस. शिवशंकर और TANGEDCO के चेयरमैन के. राधाकृष्णन को मौके पर भेजा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया और आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष के. सेल्वापेरुंथगई ने कहा कि यह हादसा सुरक्षा मानकों की अनदेखी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं तब तक नहीं रुकेंगी जब तक निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी और जवाबदेही तय नहीं होती।
उन्होंने शोक जताते हुए कहा,
“हम तमिलनाडु कांग्रेस की ओर से मृतकों के परिजनों के साथ खड़े हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
चौंकाने वाली बात यह है कि हादसे के कई घंटे बीत जाने के बाद भी BHEL की ओर से कोई विस्तृत बयान सामने नहीं आया है, जबकि निर्माण कार्य उसी की देखरेख में चल रहा था।