
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद आज गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ऐलान किया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अब भी यह दर 5.50% पर बनी रहेगी।
गवर्नर ने बताया कि यह फैसला देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति और महंगाई के स्तर को देखते हुए लिया गया है। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि GST सिस्टम में सुधार से आने वाले समय में मूल्य स्थिरता यानी महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
🔹 रेपो रेट क्या है और इसका क्या असर पड़ेगा?
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। इस दर में बदलाव से आम जनता के लिए होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें प्रभावित होती हैं।
रेपो रेट स्थिर रहने से EMI में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।
इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, लेकिन कर्ज और सस्ता नहीं होगा।
🔹 GST सुधार और महंगाई
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि GST के ढांचे में सरलता लाने से वस्तुओं और सेवाओं की लागत में कमी आ सकती है। इससे बाजार में महंगाई घट सकती है और आम आदमी को राहत मिल सकती है।
🔹 निर्यात पर टैरिफ का असर
गवर्नर ने यह भी कहा कि उच्च आयात-निर्यात शुल्क (टैरिफ) भारत के निर्यात क्षेत्र पर असर डाल सकते हैं। इससे वैश्विक बाज़ार में भारत की प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है।
🔹 इस साल अब तक कितनी कटौती हुई है?
- फरवरी 2025: 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती
- अप्रैल 2025: 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती
- जून 2025: 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती
कुल मिलाकर अब तक 1% की कटौती की जा चुकी है।
RBI ने फिलहाल ब्याज दरों को स्थिर रखकर संकेत दिया है कि वह सावधानीपूर्वक आगे बढ़ना चाहता है। जहां एक ओर जीएसटी सुधार से राहत की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर निर्यात को लेकर चिंता भी बनी हुई है।