
अरब सागर की लहरें इन दिनों कुछ ज्यादा ही बेचैन हैं। हवाएं तेज़ हैं, बादल घने हैं और मौसम विभाग की चेतावनियां बार-बार दोहराई जा रही हैं — क्योंकि साल 2025 का पहला चक्रवाती तूफान ‘शक्ति’ अब गंभीर रूप ले चुका है।
इस तूफान ने मुंबई, गुजरात और आसपास के तटीय इलाकों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। मौसम वैज्ञानिकों की निगाहें समुद्र पर टिकी हैं और तटवर्ती गांवों में रहने वाले लोगों की रातें अब जागते हुए बीत रही हैं।
आईएमडी के मुताबिक, शक्ति चक्रवात शुक्रवार सुबह तक गुजरात के नलिया से 270 किमी दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 300 किमी पश्चिम में था। यह लगभग 8 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, और आने वाले घंटों में गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
तूफान के कारण 100 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, वहीं समुद्र में ऊंची लहरों के कारण मछुआरों को पूरी तरह से तट पर रहने की सलाह दी गई है।
महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं, गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ इलाकों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं की संभावना है।
4 से 7 अक्टूबर तक कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश, बिजली गिरने और जलभराव की आशंका जताई गई है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि शक्ति भारत के तट से सीधे टकराएगा नहीं। लेकिन इसका प्रभाव जरूर पड़ेगा — तेज़ हवाएं, लगातार बारिश और समंदर की उठती लहरें तटीय जीवन को प्रभावित करेंगी।
‘शक्ति’ नाम श्रीलंका ने प्रस्तावित किया था। यह नाम विश्व मौसम संगठन (WMO) और ESCAP की क्षेत्रीय नामकरण प्रणाली का हिस्सा है। आठ देशों की बनाई इस सूची में ‘शक्ति’ पहला नाम है — और यह इस तूफान की ताकत का प्रतीक बनता जा रहा है।