
कभी-कभी ज़िंदगी एकदम सामान्य चल रही होती है, और फिर अचानक कुछ ऐसा घटता है जो सब कुछ बदल देता है। कुछ ऐसा ही हुआ एक 20 वर्षीय युवती के साथ, जो आम दिनों की तरह ही अपने जीवन में व्यस्त थी – न कोई बड़ी बीमारी, न कोई चेतावनी। लेकिन अचानक एक दिन पेट में उठा तेज़ दर्द, उसे ले आया श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल।
डॉक्टरों ने जांच की, तो सामने आया एक चौंकाने वाला सच – उसके पेट में एक 13 किलो 200 ग्राम वजनी विशाल ट्यूमर पल रहा था। यह ट्यूमर उसके शरीर के अंदर कई महत्वपूर्ण अंगों पर दबाव बना चुका था। मेडिकल भाषा में इसे ओवेरियन लार्ज ट्यूमर कहा जाता है।
वरिष्ठ सर्जन डाॅ. जे.पी. शर्मा और उनकी समर्पित टीम – डाॅ. पुनीत त्यागी, डाॅ. दिपांकर नयाल, डाॅ. पुष्किन पोखरियाल और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डाॅ. नेहा – ने मिलकर एक ऐसा ऑपरेशन किया जो किसी चुनौती से कम नहीं था।
करीब चार घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद जब ट्यूमर को बाहर निकाला गया, तो उसका वजन सुनकर हर कोई हैरान रह गया – 13 किलो 200 ग्राम! एक पूरे नवजात शिशु से भी अधिक वजन। लेकिन सबसे सुकून देने वाली बात यह थी – मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है, और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन, श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी और इस उपलब्धि को “चिकित्सा विज्ञान और मानवीय सेवा का संगम” बताया।
- यह घटना सिर्फ एक सर्जरी की कहानी नहीं है — यह एक संदेश है हर व्यक्ति के लिए:
👉 अपने शरीर के संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें।
👉 समय पर जांच और विशेषज्ञ से सलाह ज़रूरी है।
👉 एक निर्णय, एक इलाज, आपकी ज़िंदगी बदल सकता है।