
हल्द्वानी, 14 अक्टूबर।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को एमबी इंटर कॉलेज मैदान, हल्द्वानी में आयोजित कुमाऊं द्वार महोत्सव में शिरकत की। पांच दिवसीय इस सांस्कृतिक उत्सव में बड़ी संख्या में स्थानीय जनता, जनप्रतिनिधि और लोक कलाकार शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने महोत्सव को उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और पहचान का उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल कलाकारों को मंच देता है, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य भी कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा:
- लोक कलाकारों की सूची तैयार की जा रही है।
- कोरोना काल में 3200 कलाकारों को प्रतिमाह ₹2000 की सहायता दी गई।
- लोक कलाओं को सहेजने के लिए गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
- जीवनपर्यंत कला साधना करने वाले कलाकारों को पेंशन भी दी जा रही है।
- उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा पहनी गई ब्रह्म कमल की टोपी आज उत्तराखंड की एक अंतरराष्ट्रीय पहचान बन गई है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों के स्टॉल का भी निरीक्षण किया और “लखपति दीदी योजना” के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का यह दशक, राज्य के सर्वांगीण विकास का दशक होगा और इसमें महिलाओं की भागीदारी अहम रहेगी। उन्होंने लोगों से स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग की अपील करते हुए कहा कि “स्वदेशी अपनाएं, देश को आत्मनिर्भर बनाएं।”
कार्यक्रम में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, आईजी रिद्धिमा अग्रवाल, एसएसपी पीएस मीणा, प्रभारी जिलाधिकारी अनामिका, सहित कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।