
पटना/रांची | 18 अक्टूबर 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बजते ही राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलते दिख रहे हैं। झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि वह बिहार में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी और छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
झामुमो का यह फैसला सीधे तौर पर राजद और महागठबंधन के लिए झटका माना जा रहा है, क्योंकि अब सीट शेयरिंग का गणित गड़बड़ाने की संभावना है।
झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने जानकारी दी कि उन्होंने पहले ही राजद नेता तेजस्वी यादव को सूचित कर दिया था कि झामुमो बिहार की कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने का इच्छुक है।
6 अक्टूबर को पटना में हुई गठबंधन बैठक में यह मुद्दा उठाया गया था और उम्मीद थी कि हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव इस पर आपसी सहमति से निर्णय लेंगे।
लेकिन अब झामुमो ने एकतरफा घोषणा कर दी है कि वह महागठबंधन से बाहर होकर अपनी राह चलेगा।
हालांकि अभी तक सीटों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि झामुमो बिहार-झारखंड सीमा से सटी आदिवासी बहुल सीटों पर दावेदारी कर रहा है।
घाटशिला जैसे क्षेत्र, जो झामुमो का परंपरागत गढ़ माने जाते हैं, से पार्टी अपनी पकड़ का फायदा उठाना चाहती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि झामुमो का यह कदम महागठबंधन के वोटों में सेंध लगा सकता है। खासकर आदिवासी और सीमावर्ती इलाकों में झामुमो की पकड़ महागठबंधन के पारंपरिक वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में राजद और कांग्रेस इस निर्णय पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
📅 बिहार चुनाव का शेड्यूल
- पहला चरण मतदान: 6 नवंबर
- दूसरा चरण मतदान: 11 नवंबर
- मतगणना: 14 नवंबर
बिहार चुनाव से ठीक पहले झामुमो के इस अलग राह पकड़ने से ‘इंडिया’ गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब निगाहें तेजस्वी यादव और हेमंत सोरेन की अगली चाल पर हैं। क्या टूटेगी बातचीत की डोर या कोई नया फॉर्मूला सामने आएगा?