बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारतीय राजनीति में वंशवादी राजनीति को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि योग्यता को वंशवाद से ऊपर रखा जाए।
थरूर ने यह बात अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ‘प्रोजेक्ट सिंडिकेट’ के लिए लिखे अपने लेख में कही। उन्होंने लिखा कि दशकों से कुछ परिवार भारतीय राजनीति पर हावी हैं और यह केवल कांग्रेस तक सीमित नहीं है। थरूर ने भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के राजनीतिक परिवारों का उदाहरण देते हुए कहा कि वंशवाद पूरे उपमहाद्वीप में फैला हुआ है।
बीजेपी ने थरूर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर कहा कि थरूर ‘खतरों के खिलाड़ी’ बन गए हैं और उन्होंने सीधे तौर पर ‘नेपो किड्स’ को चुनौती दी है। पूनावाला ने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस का ‘प्रथम परिवार’ बहुत प्रतिशोधी है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि थरूर का बयान कांग्रेस के लिए आंतरिक चुनौती बन सकता है, जबकि बीजेपी इसे चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। थरूर ने अपने लेख में चेतावनी दी कि वंशवाद भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है और शासन की गुणवत्ता पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
