संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता की मांग को एक बड़ा समर्थन फिनलैंड की ओर से मिला है। फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने कहा है कि भारत अमेरिका और चीन के साथ अगला वैश्विक सुपरपावर होगा और उसे अनिवार्य रूप से सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए।
स्टब ने स्पष्ट किया कि अगर भारत को सदस्यता नहीं दी गई, तो संयुक्त राष्ट्र कमजोर होता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस समय किसी एक वैश्विक शक्ति के साथ खड़ा होने की बजाय सभी प्रमुख देशों के साथ संतुलित और मजबूत रिश्ते बना रहा है।
रूस, ब्रिटेन और कई अन्य देशों ने भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाने का समर्थन किया है। लेकिन एक देश – चीन – और उसके सहयोगी पाकिस्तान, इस प्रस्ताव के मार्ग में बाधा डाल रहे हैं। चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, जबकि पाकिस्तान को इसमें इटली का समर्थन भी मिला है।
स्टब ने फर्स्ट पोस्ट को दिए इंटरव्यू में कहा, “भारत का आकार, वैश्विक संबंध और उसकी क्षमताएँ इसे सुरक्षा परिषद में शामिल किए जाने लायक बनाती हैं। बहुपक्षवाद और भारत की भूमिका बढ़ाना आज की वैश्विक व्यवस्था के लिए जरूरी है।”
उन्होंने आगे सुझाव दिया कि सुरक्षा परिषद का विस्तार होना चाहिए और इसके सदस्यों की संख्या कम से कम दोगुनी की जानी चाहिए। स्टब ने कहा कि नए सदस्यों में एक लैटिन अमेरिका, दो अफ्रीका और दो एशिया के सदस्य शामिल किए जाएँ।
भारत समेत जी-4 देश लगातार UNSC में सुधार की मांग कर रहे हैं। स्टब के अनुसार, भारत की सहभागिता केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे वैश्विक संगठन की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है।
स्टब के बयान ने यह साफ कर दिया है कि विश्व समुदाय में भारत की भूमिका लगातार बढ़ रही है और स्थायी सदस्यता की दिशा में वैश्विक समर्थन मजबूत हो रहा है, भले ही कुछ देश विरोध जारी रखें।
