नई दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में है, जिससे लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। अदालत ने निर्माण कार्यों को रोकने का सुझाव ठुकरा दिया, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के कदमों के बजाय दीर्घकालिक समाधान पर ध्यान देना जरूरी है। प्रदूषण की स्थिति के अनुसार CAQM (Central Air Quality Monitoring) उचित कदम उठाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से बैठक कर दीर्घकालिक समाधान पर सुझाव प्राप्त करे। इसके लिए 1 दिन का समय दिया गया है। अगली सुनवाई 19 नवंबर, बुधवार को होगी।
कोर्ट ने यह भी मांग की कि दिल्ली में प्रदूषण पर निगरानी के लिए इस्तेमाल हो रहे उपकरण कितने सक्षम हैं, इसका हलफनामा प्रस्तुत किया जाए।
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण लगातार बेहद खराब और गंभीर स्तर पर है। सोमवार सुबह 5 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 359 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, बावना में AQI 427 तक पहुँच गया, जो ‘गंभीर’ स्तर का है। दोपहर तक कुछ इलाकों में मामूली सुधार देखा गया, लेकिन समग्र स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
दिल्लीवासियों को मास्क का उपयोग और बाहरी गतिविधियों में सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
