सर्दियों में ऊनी कपड़े गर्माहट तो देते ही हैं, फैशन का आकर्षण भी बढ़ाते हैं। लेकिन इनकी देखभाल जितनी जरूरी है, उतनी ही मुश्किल भी लगती है। कई लोग ऊनी कपड़ों को धोने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें डर रहता है कि कपड़े सिकुड़ सकते हैं या उनका टेक्सचर खराब हो सकता है। ऐसे में सवाल उठता है—आखिर ऊनी कपड़े कितने दिनों बाद धोने चाहिए?
चलिए जानते हैं विशेषज्ञों के मुताबिक ऊनी कपड़ों को धोने का सही नियम।
कब धोने चाहिए ऊनी कपड़े?
1. रोज़ या हफ्ते–हफ्ते धोना ज़रूरी नहीं
स्वेटर के नीचे आमतौर पर लोग अंडरशर्ट पहनते हैं, जो ऊन को शरीर के पसीने और तेल से बचाती है। इसलिए स्वेटर को बार-बार धोने की आवश्यकता नहीं होती।
2. पहनने के बाद हवादार जगह पर टांगें
हर बार इस्तेमाल के बाद स्वेटर और अन्य ऊनी कपड़ों को किसी हवादार जगह पर टांगकर “एयर आउट” होने दें। इससे बदबू और नमी दोनों दूर हो जाते हैं।
3. गंदगी, दाग या तेज बदबू—तभी धोएं
अगर कपड़ा साफ दिख रहा है और बदबू भी नहीं है, तो उसे धोने की जरूरत नहीं।
हाँ, दाग लग जाए या तेज पसीने जैसी गंध आए, तब धोना ज़रूरी है।
4. सामान्य नियम: 4–5 बार पहनने के बाद धोएँ
अगर नीचे अंडरशर्ट पहनी हो, तो ऊनी स्वेटर को 4–5 बार पहनने के बाद धोना पर्याप्त होता है।
अगर दो लेयर पहने हों तो इसे और लंबे समय तक भी बिना धोए इस्तेमाल कर सकते हैं।
5. स्ट्रक्चर्ड ऊनी कोट
– इन्हें पूरे सीज़न में एक या दो बार ही ड्राई क्लीन करवाएँ।
– हल्की गंदगी हो तो सिर्फ स्पॉट-क्लीनिंग या होम ड्राई-क्लीन किट का इस्तेमाल करें।
6. ऊनी कंबल
– तब ही धोएँ जब वास्तव में गंदे दिखें।
– सर्दियों के अंत में इन्हें धोकर अच्छी तरह सुखाकर स्टोर करें।
ऊनी कपड़ों को कम धोना क्यों फायदेमंद है?
✔ ऊन पानी से बचता है और बैक्टीरिया को रोकता है
ऊन के रेशों में नैचुरल बैक्टीरिया-रोधी गुण होते हैं, जिससे दो–तीन बार पहनने के बाद भी बदबू नहीं आती।
✔ फाइबर खुद को “साफ” रखते हैं
ऊन के फाइबर हवा के संपर्क में आने पर गंध को स्वतः खत्म कर देते हैं।
✔ बार-बार धोने से रेशे खराब होते हैं
बहुत ज्यादा धोने से:
- ऊन सिकुड़ सकता है
- फाइबर कमजोर होते हैं
- टेक्सचर खराब होता है
- लैनोलिन (ऊन का नैचुरल प्रोटेक्शन ऑयल) कम हो जाता है
- रंग फीका पड़ सकता है
इसलिए ऊनी कपड़ों को तभी धोना चाहिए जब बेहद जरूरी हो।
