मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के संबंध में बैठक ली। बैठक में उन्होंने दून विश्वविद्यालय और कुमाऊं विश्वविद्यालय के लैंग्वेज स्कूल को मजबूत करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में सरकारी नर्सिंग प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विदेशी भाषा अनिवार्य की जा सकती है, साथ ही इच्छुक प्रशिक्षणार्थियों को अन्य भाषाओं का प्रशिक्षण भी दिया जा सकता है। प्रदेशभर के पुस्तकालयों में भाषा लैब जोड़ने के निर्देश दिए गए, जिससे छात्र ऑडियो-विजुअल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भाषाएँ सीख सकें।
उन्होंने विदेश रोजगार प्रकोष्ठ और तकनीकी शिक्षा विभाग को क्रेडिट आधारित विदेशी भाषा लर्निंग प्रोग्राम संचालित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही जापान, जर्मनी और यूके के दूतावासों से सुझाव लेने और अच्छी भाषा सिखाने वाली एजेंसी को हायर करने पर भी जोर दिया गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि विदेशों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए विदेशी नियोक्ताओं से सीधे संपर्क किया जाए। इसके अलावा प्रदेश के युवाओं को आंतरिक रोजगार के लिए भी कौशल प्रशिक्षण देने पर बल दिया गया।
विदेश रोजगार प्रकोष्ठ में अब तक 206 लोगों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 76 लोगों को नवम्बर 2025 तक विदेश में रोजगार मिला। नवाचार योजना के तहत स्टेट नर्सिंग कॉलेजों में विभिन्न भाषाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है: जर्मन में 248, जापानी में 35, फ्रेंच में 62, स्पेनिश में 11 और अंग्रेज़ी में 185 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण।
बैठक में सचिव शैलेश बगौली, रविनाथ रमन, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर सचिव रोहित मीणा और मनुज गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
