
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा एक बार फिर पूरी रफ्तार में है। लगातार बारिश और आपदाओं के कारण कुछ समय के लिए धीमी पड़ी यात्रा अब दोबारा तेज़ी पकड़ चुकी है। अब तक 45.25 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं, और यह आंकड़ा जल्द ही पिछले साल के रिकॉर्ड (46 लाख) को पार करने की ओर बढ़ रहा है।
चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से हुई थी। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ के कपाट खुले। शुरुआती दिनों में यात्रा अच्छी गति से चल रही थी, लेकिन मौसम खराबी, भारी बारिश और भूस्खलन ने इसे प्रभावित किया।
5 अगस्त को उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई आपदा के चलते गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा था। हालांकि अब स्थिति सामान्य है और यात्रा सुचारु रूप से जारी है।
सड़क मार्गों पर अभी भी भूस्खलन और क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण कुछ स्थानों पर आवाजाही में कठिनाई हो रही है। इसके बावजूद, श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। चारधाम के साथ-साथ हेमकुंड साहिब में भी प्रतिदिन 13 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं।
पर्यटन विभाग के अनुसार, यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। आपदा के दौरान ऑफलाइन पंजीकरण केंद्रों पर सन्नाटा छाया रहा, लेकिन अब यात्रियों की भीड़ फिर से लौट आई है। शुक्रवार को हरिद्वार, ऋषिकेश और हरबर्टपुर पंजीकरण केंद्रों पर 1480 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मौसम सहयोगी रहा, तो इस वर्ष चारधाम यात्रा पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है। इससे न सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बड़ी राहत मिलेगी।