मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आजादी के 75 साल पूर्ण होने से पहले देश भर में चलाए जा रहे अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में लोकहित से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन को 75 दिन के भीतर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं को सरल, सुगम व पारदर्शी बनाने में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। कार्ययोजना बनाते हुए हर विभाग को कम से कम पांच जनकल्याणकारी योजनाओं को शामिल करना अनिवार्य होगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मीडिया से वर्चुअल बातचीत में कहा कि शासन स्तर पर मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव से लेकर अपर सचिव स्तर तक के अधिकारी अपने दायित्वों के अनुरूप 75 दिन की कार्ययोजना बनाते हुए इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएंगे। विभागाध्यक्ष अपने विभागों से जुड़ी जनकल्याणकारी योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होगा। मंडलायुक्त अपने मंडल के अंतर्गत जिलाधिकारियों से उनके मूल दायित्वों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार कराते हुए इनका क्रियान्वयन करेंगे। इसके लिए वही जवाबदेह भी होंगे।
कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए पुलिस महानिदेशक द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, अपर पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को उनके दायित्वों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार कर इसका क्रियान्वयन कराएंगे। इसके लिए पुलिस महानिदेशक ही जवाबदेह भी होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारियों को अपनी कार्ययोजना को 75 घंटे के भीतर मुख्यमंत्री सचिवालय को प्रेषित करना होगा।
प्रत्येक 30 दिन बाद मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य विभागाध्यक्ष अपने अधिकारियों की कार्ययोजना का नियमित अनुश्रवण करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वनों की आग के प्रबंधन के लिए वन विभाग ने जिला स्तरीय प्लान तैयार कर लिया है। फारेस्ट फायर किट के क्रय और कंट्रोल रूम की स्थापना के लिए 180 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि वन प्रभागों को दी गई है। आग से सुरक्षा कार्यों के लिए फायर क्रू स्टेशनों पर चार से छह फायर वाचर रखे जाएंगे। जंगल में पिरुल संग्रहण के लिए सभी डीएफओ को निर्देशित किया गया है।