
दून विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए आज यानी मंगलवार से आनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। कोरोना संक्रमण के कारण लगातार दूसरे साल विवि अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा नहीं करवाएगा। इस बार भी स्नातक व इंटीग्रेटेड स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रमों में 12वीं के अंकों की मेरिट के आधार पर दाखिले दिए जाएंगे। स्नातकोत्तर में स्नातक के अंकों की मेरिट के आधार पर दाखिला होगा।
दून विवि ने गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी बोली का सॢटफिकेट कोर्स शुरू किया गया है। स्कूल आफ लैंग्वेज के तहत स्थानीय बोली-भाषा को बढ़ावा देने के लिए इस एक वर्षीय कोर्स की शुरुआत की गई है। इसमें 20-20 सीटें निर्धारित होंगी। सेल्फ फाइनेंस मोड पर ये कोर्स संचालित होंगे। अभी विवि में इंग्लिश, जर्मन, फ्रैंच, स्पेनिश, जेपनीज और चाइनीज भाषा पढ़ाई जा रही है।विवि में बायोलाजिकल साइंस पाठ्यक्रम में भी इसी सत्र से दाखिले होंगे। इसके तहत बीएससी और एमएससी बायोलाजिकल साइंसेज कोर्स शुरू किया गया है। दोनों पाठ्यक्रमों में 30-30 सीटें होंगी।
सेंटर फार उत्तराखंड लैंग्वेज एंड फोक परफाॄमग आट्र्स छह माह का सॢटफिकेट कोर्स विवि शुरू करने जा रहा है। इसके अलावा दो वर्षीय एमए थिएटर में भी दाखिले लिए जा सकेंगे। डा. नित्यानंद हिमालयन शोध संस्थान के अधीन यह कोर्स सेल्फ फाइनेंस मोड में होगा।दून विवि में इस सत्र से एमए होम साइंस में भी दाखिले होंगे। कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने विशेष तौर पर यह पाठ्यक्रम शुरू करने का सुझाव दिया था। उन्होंने बताया कि यह पाठ्यक्रम न होने के कारण छात्राओं को परेशान होना पड़ रहा है।दून विवि ने कई ऐसे पाठ्यक्रम भी शुरू किए हैं, जिनके लिए अब तक छात्रों को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ के चक्कर काटने पड़ते थे। उन्होंने बताया कि बीए आनर्स मनोविज्ञान, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम की बहुत अधिक डिमांड है। इसके अलावा बीकाम आनर्स भी शुरू किया गया है।