
विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खटीमा सीट पर पराजय से दबाव में आई भाजपा और प्रदेश सरकार को उप चुनाव में मिली भारी भरकम जीत ने बड़ी राहत दी है। इस जीत से धामी को अगले साल होने वाले निकाय चुनाव और फिर वर्ष 2024 के आम चुनाव के लिए नई ऊर्जा मिल गई है।
प्रेरित करने वाली इस जीत का असर डबल इंजन के बूते मिली एक लाख करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं की गति पर भी दिखेगा। जिस तरह के संकेत धामी ने दिए हैं, उनसे लगता है कि मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्वों का बंटवारा भी जल्द हो सकता है। मार्च में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीत कर दो-तिहाई बहुमत प्राप्त किया। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर रहा, जब कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में आई, लेकिन स्वयं मुख्यमंत्री धामी खटीमा सीट से चुनाव हार गए। इस हार ने भाजपा की सफलता का स्वाद कुछ फीका जरूर कर दिया, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने धामी पर ही विश्वास दिखाया और उन्हें फिर मुख्यमंत्री का पद सौंप दिया। विधायक बनने के लिए धामी ने चम्पावत से उप चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक जीत दर्ज कर नेतृत्व के भरोसे को कायम रखा।
उप चुनाव में मिली इस बड़ी जीत से मुख्यमंत्री धामी और भाजपा का विश्वास निश्चित रूप से बढ़ेगा। विशेषज्ञ समिति का गठन कर समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा धामी ने स्पष्ट कर दिया कि वह चुनाव पूर्व किए गए वायदों को अमल में लाने की तैयारी कर चुके हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस और नौकरशाही की कार्यशैली को लेकर भी धामी काफी कुछ अपना रुख साफ कर चुके हैं। आने वाले दिनों में कुछ अन्य बड़े कदम इस कड़ी में अब धामी उठाएं तो किसी को अचरज नहीं होगा। धामी के हर निर्णय में इस जीत का अक्स नजर आएगा।
धामी उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं, तो तय है कि वह लंबी पारी खेलेंगे। इसके लिए उन्हें अगले दो-तीन साल में कई चुनावी मोर्चों पर पार्टी का नेतृत्व करना है। सबसे पहले इसी साल हरिद्वार जिले में होने वाले पंचायत चुनाव में उनके कौशल की परीक्षा होगी। फिर अगले साल राज्य में निकाय चुनाव होंगे। इसके तत्काल बाद 2024 के आम चुनाव में लगातार तीसरी बार पांचों सीट पर जीत की पुनरावृत्ति की चुनौती उनके सामने रहेगी। इसके बाद 2024 में ही उन्हें राज्य के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में स्वयं को साबित करना होगा।
केंद्र के साथ उत्तराखंड में भी भाजपा की सरकार होने का लाभ पिछले पांच-छह सालों में एक लाख करोड़ से अधिक की केंद्रीय परियोजनाओं के रूप में मिला है। इनमें चारधाम आल वेदर रोड और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना इस पर्वतीय राज्य की जीवन रेखा के रूप में देखी जा रही हैं। धामी के इस कार्यकाल में इन दोनों परियोजनाओं को धरातल पर उतरना है। विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन भी निकट भविष्य में होना है। इस दृष्टिकोण से देखें तो अब पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार पूरी सामथ्र्य से इस काम में जुट जाएगी।