
पिता के निधन ने दो साल बाद योगी मां से मिलने अपने घर आये । पैर छूकर मां का आशीर्वाद लिया। दो साल पहले पिता आनन्द सिंह बिष्ट के निधन के बाद मां-बेटे की पहली मुलाकात थी। दीवार पर स्वर्गीय पिता की माला डली फ़ोटो देख पुरानी यादों के बीच पिता की याद में आंखें भी नम हुई। मां को हौसला दिया और खुद को संयमित भी किया, फिर हंसी ठिठोली व बातचीत का लंबा दौर भी चला।
चूंकि, सन्यासी हैं इसलिए भावनाओं को भी थामना है। पिता की मौत के बाद पहली बार मां सावित्री देवी,परिजनों व पुराने लोगों से मिल रहे योगी सभी को संभालते नजर आए। सभी की खोज खबर लेते रहे। दिन में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति के अनावरण व स्कूल के पुराने शिक्षकों का सम्मान कर शाम को घर पहुंचे योगी को देख पूरा गांव उत्साहित नजर आया। अपने भाई मानवेन्द्र, महेंद्र व बहनों से भेंट कर खैर खबर ली। पंडाल में सभी परिजन व गांव के लोगों से रात तक मिलते रहे।
योगी ने गांव के बच्चों के साथ भी खूब बातें की। कई साल बाद गांव में रुके सीएम योगी के चेहरे पर खिली मुस्कान व संतुष्टि के भाव साफ पढ़े गए। परिजनों से बातचीत में अपने गुरु अवैद्यनाथ को बार बार जिक्र करते नजर आए। डिग्री कालेज की स्थापना के बारे में योगी ने कहा कि गुरु अवैद्यनाथ इस इलाके की शिक्षा व्यवस्था के बाबत काफी चिंतित रहते थे और कॉलेज की स्थापना के बाद गुरुजी के सम्मान में कुछ हो पाया है।
दो साल पहले पिता की मृत्यु के समय घर नहीं आ पाए योगी ने मंगलवार को मां से आशीर्वाद लेती फ़ोटो भी ट्वीटकिया। 2020 में कोरोना की जंग में उलझे सीएम योगी ने एक इंटरव्यू में भावुक होकर कहा था कि वे अपनी मां से मिलने का साहस जुटा रहे थे और मंगलवार को वो दिन आ ही गया। योगी के घर आगमन से बच्चे, बूढ़े और जवान के चेहरे की रौनक देखते ही बन रही। बुधवार को वे अपने भतीजे के चूड़ाकर्म संस्कार में हिस्सा लेंगे।
फ़िलहाल पंचूर गांव में सुरक्षमर्मियों ब प्रशासनिक अधिकारियों ने डेरा डाला हुआ है। गांव वालों के लिए उनकी मौजूदगी भी किसी कौतुहल से कम नहीं है। बुधवार को भी योगी अपने गांव में काफी समय बिताएँगे। मां- बेटे के इस भावुक मिलन से पंचूर गांव में समय कुछ पल के लिए ठहर गया…गांव से निकल कोटद्वार-ऋषिकेश को पार कर गोरखपुर में संन्यास लेने वाला अजय बिष्ट आज एक योगी बन लम्बे समय बाद अपनी मां से मिलने पहुंचा।