
प्रदेश में कांग्रेस के भीतर असंतोष प्रबंधन का असर दिखने लगा है। प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष के पदों पर की गईं नियुक्तियों को लेकर नाराज विधायकों के तेवर ढीले पड़े हैं। उनकी बैठक गुरुवार को भी नहीं हो सकी। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य विधायकों से मुलाकात कर उनके मन की थाह लेने में जुटे रहे।
माहरा और आर्य ने विधायकों के टूटने और अपना अलग दल बनाने के अंदेशे को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि नेताद्वय विधायकों के संपर्क में हैं। उधर, पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व भी प्रदेश के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने भी विधायकों और पार्टी नेताओं से फीडबैक लिया।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी जब बड़ा निर्णय करती है तो उस पर प्रतिक्रिया स्वाभाविक है। कुछ लोग इससे संतुष्ट न हों, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। विधायकों के नाराज होने और अलग दल बनाने की चर्चा निराधार हैं।
विधायकों के साथ मुलाकात जारी है। जो विधायक क्षेत्रों में हैं या अपने कार्यों से विभिन्न स्थानों पर गए हुए हैं, उनसे दूरभाष पर लगातार संपर्क बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वह पहले से ही ऐसी चर्चाओं को अफवाह बता चुके हैं। विधायकों की न तो बैठक हुई और न ही होने जा रही है।विधायक हरीश धामी जिस तरह अपने बयानों में प्रदेश प्रभारी व पार्टी के नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं, उससे उन पर अनुशासन का चाबुक चल सकता है। माहरा कुछ विधायकों और नेताओं की बयानबाजी से नवनियुक्त अध्यक्ष क्षुब्ध दिखे।