
देहरादून नगर निगम के चकशाहनगर जोनल कार्यालय में तैनात कर्मचारी तनुज शर्मा ने ईमानदारी की मिशाल पेश की। जोनल कार्यालय में कुछ दिन पहले भवन कर जमा करने पहुंचे किसी व्यक्ति की जेब से सोने के मंगल सूत्र गिर गया। कर्मचारी तनुज शर्मा ने मंगल सूत्र को न केवल संभालकर रखा, बल्कि उस व्यक्ति के घर का पता लगाया और बाकायदा उसे सूचित कर मंगल सूत्र को लौटाया। महापौर सुनील उनियाल गामा की ओर से कर्मचारी तनुज को सम्मानित किया गया।महापौर गामा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि गत 21 सितंबर को जोनल कार्यालय चकशाहनगर में काफी संख्या में लोग भवन कर जमा कराने पहुंचे हुए थे। दोपहर में भोजनावकाश के दौरान कर्मचारी तनुज मोबाइल पर बात करते हुए बाहर की ओर गए तो घास पर एक पैकेट पड़ा हुआ था। उन्होंने पैकेट खोला तो मंगल सूत्र था। मंगल सूत्र सोने का था और उसकी कीमत भी करीब 50 हजार के आसपास लग रही थी। इस पर तनुज ने जितने भी लोगों ने उस दिन भवन कर जमा करके गए थे, सभी के नंबर कंप्यूटर से निकाले और एक-एक को फोन किया।काफी पड़ताल के बाद मालूम चला कि मंगल सूत्र ज्वेलर्स की दुकान में काम करने वाले एक कारीगर बाबू की जेब से गिरा था। वह कारीगर भी उस दिन भवन कर जमा करने आया था। निगम कर्मियों ने यह सूचना महापौर व नगर आयुक्त को दी। मंगलवार को महापौर की मौजूदगी में नगर निगम मुख्यालय में संबंधित व्यक्ति को उक्त मंगल सूत्र लौटाया गया।
प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) की ओर से गठित चिकित्सीय दल में बीएएमएस इंटर्न के शारीरिक उत्पीडऩ के आरोपित चिकित्सक को शामिल करने पर अस्पताल प्रबंधन को खासी फजीहत झेलनी पड़ी। ड्यूटी से संबंधित पत्र कुछ ही देर में इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। उच्चाधिकारियों ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त की। जिसके बाद प्रमुख अधीक्षक को चिकित्सक को ड्यूटी से हटाना पड़ा।कुछ दिन पहले एक इंटर्न ने जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक पर शारीरिक व मानसिक उत्पीडऩ का आरोप लगा अस्पताल प्रबंधन से इसकी लिखित शिकायत की थी, जिसके बाद चिकित्सक को कोरोनेशन अस्पताल से हटाकर गांधी शताब्दी अस्पताल भेज दिया गया था। वहीं इस मामले की अभी जांच चल रही है। इसी दौरान जिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक ने पीएम ड्यूटी के लिए टीम का गठन किया।इसमें उस चिकित्सक को भी शामिल कर लिया, जिन पर शारीरिक उत्पीड़न का आरोप है, जिसे लेकर अस्पताल प्रशासन को इंटरनेट मीडिया पर खासी किरकिरी झेलनी पड़ी। प्रमुख अधीक्षक डा. शिखा जंगपांगी का कहना है कि चिकित्सक की ड्यूटी लगाई गई थी। पर उनकी ड्यूटी लगाने की सूरत में गांधी शताब्दी अस्पताल में उनका कोई प्रतिस्थानी नहीं है। ऐेसे में अब कोरोनेशन अस्पताल से महिला चिकित्सक की ड्यूटी लगाई गई है।