मुंबई, 12 नवंबर: महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने एक बड़े डिजिटल ठगी मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ठगी में रकम हांगकांग, चीन और इंडोनेशिया तक ट्रांसफर की गई थी। मामला तब सामने आया जब मुंबई के 72 वर्षीय व्यापारी ने शिकायत दर्ज कराई कि कुछ लोगों ने खुद को CBI और ED अधिकारी बताकर उन्हें कॉल की और झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी।
जांच में सामने आया कि पीड़ित को कई घंटों तक वीडियो कॉल पर रखा गया और मानसिक दबाव डालकर उनसे ₹58 करोड़ की रकम ट्रांसफर करवाई गई। पुलिस ने बताया कि यह कोई अकेला मामला नहीं है, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड नेटवर्क का हिस्सा है जो पिछले एक साल से भारत में सक्रिय है। अनुमान है कि इस नेटवर्क ने देशभर में करीब ₹2,000 करोड़ की ठगी की है।
साइबर फ्रॉडर्स ने भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया, जिन्हें अक्सर ‘म्यूल अकाउंट’ यानी दूसरों की पहचान से खोले गए खाते कहा जाता है। रकम आने के तुरंत बाद उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेशी वॉलेट्स में भेज दिया जाता था, जिससे पैसे का ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो जाता था।
अब तक महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने 26 लोगों को गिरफ्तार किया है और सैकड़ों फर्जी दस्तावेजों के जरिए खोले गए बैंक खातों को फ्रीज किया गया है। जांच अभी जारी है और और भी खातों व डिजिटल वॉलेट्स को जांच में जोड़ा जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा है कि यह मामला डिजिटल प्लेटफॉर्म और वर्चुअल करेंसी के दुरुपयोग की गंभीर चेतावनी देता है। किसी भी सरकारी एजेंसी के नाम पर आने वाली कॉल या वीडियो कॉल पर पैसे ट्रांसफर करने से पहले सत्यापन अवश्य करें।
