नई दिल्ली। कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में मुख्य कार्यक्रम के बाद चाय-नाश्ते का आयोजन किया गया। इस दौरान कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता अनौपचारिक रूप से आपस में मिलते-जुलते और बातचीत करते नजर आए। इसी बीच राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की मुलाकात हुई, जहां राहुल गांधी के एक तंज पर खुद दिग्विजय सिंह समेत आसपास मौजूद नेता हंस पड़े। इस मौके पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी वहां मौजूद थीं।
दरअसल, शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक से ठीक पहले दिग्विजय सिंह का एक सोशल मीडिया पोस्ट पार्टी के भीतर चर्चा का विषय बन गया था। दिग्विजय सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए आरएसएस–बीजेपी संगठन की तारीफ की थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा था कि किस तरह आरएसएस का एक जमीनी स्वयंसेवक और जनसंघ–बीजेपी का कार्यकर्ता प्रदेश का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बना, जो संगठन की शक्ति को दर्शाता है।
हालांकि, इस पोस्ट को लेकर कांग्रेस के भीतर असहजता देखने को मिली। बाद में दिग्विजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि वे आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा के विरोधी हैं और उन्होंने केवल संगठनात्मक ढांचे की मजबूती की बात की है। इसके बावजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि गांधी के संगठन को गोडसे के संगठन से सीखने की कोई जरूरत नहीं है।
इंदिरा भवन में चाय-नाश्ते के दौरान राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह के बीच हुई हल्की-फुल्की बातचीत को इसी पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। इस अनौपचारिक क्षण ने गंभीर राजनीतिक बहस के बीच कुछ देर के लिए माहौल को हल्का जरूर कर दिया, लेकिन दिग्विजय सिंह के बयान को लेकर पार्टी के भीतर मंथन जारी है।
