नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में सत्ता पक्ष के लोग हर चीज का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। अखिलेश ने कहा, “वंदे मातरम् सिर्फ गाने के लिए नहीं है, इसे निभाना भी जरूरी है, लेकिन आज के ‘दरारवादी’ लोग इसी के जरिये देश को तोड़ना चाहते हैं।”
अखिलेश ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि पार्टी अपने गठन के समय से ही धर्मनिरपेक्ष समाजवाद के रास्ते पर चलने के विषय पर बहस करती रही। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् को राजनीतिक दिखावे का विषय नहीं बनाना चाहिए, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता पक्ष इसे अपने स्वामित्व का दावा करने की कोशिश कर रहा है।
सपा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के एकीकरण और स्कूलों के बंद होने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि राज्य में 26 हजार से अधिक स्कूल बंद हो गए हैं।
लोकसभा में चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए मुस्लिम लीग के दबाव में वंदे मातरम् के कुछ हिस्से हटा दिए गए। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाजन और आपातकाल जैसे ऐतिहासिक घटनाओं में पार्टी ने राष्ट्रीय प्रतीकों और लोकतंत्र के प्रति दृढ़ता नहीं दिखाई।
पीएम मोदी ने कहा कि बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित वंदे मातरम् स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बन गया, लेकिन मुस्लिम लीग और मोहम्मद अली जिन्ना के दबाव में कांग्रेस ने इसके सही सम्मान में कदम नहीं उठाए।
इस चर्चा में दोनों पक्षों ने अपने-अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए और राष्ट्रीय गीत व उसकी अहमियत को लेकर संसद में बहस हुई।
