
गाजा में महीनों से जारी इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने की दिशा में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वाकांक्षी शांति योजना पेश की है। इस ‘गाजा पीस प्लान’ को दुनिया भर में समर्थन मिल रहा है। भारत ने इस पहल का खुलकर स्वागत किया है, और कई मुस्लिम देशों ने भी समर्थन जताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने बयान में कहा, “हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति पहल का स्वागत करते हैं। यह गाजा, इजरायल और पूरे क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास का एक अवसर है। भारत इस प्रयास में अमेरिका के साथ पूरी तरह खड़ा है।”
शांति योजना के मुख्य बिंदु:
- 72 घंटों में सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की जाएगी।
- गाजा में अस्थायी प्रशासन की स्थापना की जाएगी।
- इजरायल गाजा से अपना सैन्य नियंत्रण हटाएगा।
- ‘बोर्ड ऑफ पीस’ का गठन होगा, जिसकी अध्यक्षता ट्रंप खुद करेंगे।
यह योजना इजरायल की सहमति से तैयार की गई है, जबकि हमास की मंज़ूरी अब तक नहीं आई है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि यदि हमास इस योजना को नकारता है, तो वह इजरायल को हमास के खिलाफ कार्रवाई में पूरा समर्थन देगा।
ट्रंप की पहल को समर्थन देने वालों में भारत अकेला नहीं है। कतर, सऊदी अरब, तुर्किये, यूएई, जॉर्डन, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और मिस्र जैसे देशों ने भी एक साझा बयान जारी कर इस योजना को सकारात्मक बताया है। यह पहली बार है जब इतने विविध देशों ने एक अमेरिकी पहल के साथ सामूहिक रूप से सहमति दिखाई है
विदेश नीति विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना अगर अमल में लाई जाती है तो गाजा पट्टी में वर्षों से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम हो सकता है। हालांकि, हमास की सहमति, जमीन पर सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक संतुलन जैसे कई महत्वपूर्ण पहलू अब भी स्पष्ट नहीं हैं।