
कोरोना में बेरोजगार हो चुके युवाओं को एक तरफ नगर निगम प्रधानमंत्री स्वरोजगजार योजना के नाम पर ऋण बांट रहा है, वहीं दूसरी तरफ उनकी रोजी-रोटी छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने के नाम पर पटेलनगर में नगर निगम की टीम ने जो आतंक मचाया, उससे हर कोई हैरान है। जेसीबी और लाठी-डंडों से लैस नगर निगम कर्मियों ने पटेलनगर में लालपुल से पथरीबाग तक लाइसेंसधारक गरीब फड़-ठेली वालों पर जमकर कहर बरपाया। लोग गिड़गिड़ाते रहे और रोजी-रोटी बचाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन निगम कर्मचारी नहीं मानें। इस दौरान जेसीबी व लाठी-डंडों से फूडवैन व खोखों को ध्वस्त कर दिया और उनके शीशे तोड़ डाले।
बीच-बचाव करने पहुंचे आमजन के साथ निगम कर्मियों ने बदसलूकी भी की। शुक्रवार दोपहर हंगामे के दौरान जब निगम के भूमि कर अधीक्षक विनय प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे तो उन्हें गुस्साए नागरिकों का विरोध झेलना पड़ा। जिनके ठीहे उजाड़ या तोड़ दिए गए, वह नगर निगम से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। महापौर सुनील उनियाल गामा ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।शुक्रवार को नगर निगम की कार्रवाई का सच दरअसल मुख्यमंत्री के दस अगस्त के आगमन से जुड़ा बताया जा रहा। सूत्रों की मानें तो जिला उद्योग केंद्र के आउटलेट का उद्घाटन करने दस अगस्त को मुख्यमंत्री यहां आ रहे हैं। इसे लेकर एक रोज पहले प्रशासन, उद्योग विभाग व पुलिस की बैठक हुई थी। इसमें उद्योग विभाग ने सभी फड़ व ठेली वालों को हटाने को कहा। इस पर जिलाधिकारी ने नगर निगम को अतिक्रमण हटाने के दिए।