मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य एवं खाद्य संरक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों के अनुसार, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड ने राज्यव्यापी विशेष प्रवर्तन अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य आमजन को सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है।
अभियान की प्रमुख बातें:
केंद्रित निगरानी:
- होटल, रेस्टोरेंट, क्लब, कैफे, बेकरी, डेयरी, मिष्ठान भंडार, फूड कोर्ट, स्ट्रीट फूड जोन और तैयार भोजन निर्माण इकाइयों पर नियमित और औचक निरीक्षण।
- मिलावटखोरी, घटिया गुणवत्ता और अस्वच्छता पर कड़ी कार्रवाई।
प्राथमिकता वाले खाद्य पदार्थ:
- मिठाइयाँ, नमकीन, बेकरी उत्पाद, डेयरी उत्पाद, साइड डिश, डेजर्ट्स, समोसा, बिरयानी, रोस्ट चिकन, पिज्जा, केक, पेस्ट्री, प्लम केक, कुकीज, चॉकलेट, क्रिसमस पुडिंग आदि।
- इनका नमूना लेकर गुणवत्ता जांच सुनिश्चित की जाएगी।
स्रोत पर नियंत्रण:
- केवल बिक्री स्थलों पर नहीं, बल्कि निर्माण इकाइयों में भी निरीक्षण।
- अपमिश्रण और घटिया उत्पादों की रोकथाम।
अधिकारियों और टीमों की भागीदारी:
- कनिष्ठ से वरिष्ठ स्तर तक अधिकारी सक्रिय।
- जनपद स्तर पर विशेष टीमें गठित, निर्माण से लेकर थोक और खुदरा विक्रेताओं तक की जांच।
जनभागीदारी:
- विभागीय पोर्टल और टोल-फ्री नंबर पर शिकायतें लेने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की व्यवस्था।
पारदर्शिता और प्रभावशीलता:
- अभियान के दौरान की गई प्रत्येक कार्रवाई की दैनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य।
- भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) और राज्य स्तर पर नमूनों की परीक्षण व्यवस्था।
मुख्य संदेश:
अभियान के दौरान विभाग का फोकस जनस्वास्थ्य की रक्षा और खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि नागरिकों को त्योहारी मौसम में शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण माध्यम है।
