
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पंजाब प्रभारी हरीश रावत गुरुवार शाम दिल्ली पहुंच गए। पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान को लेकर बुधवार को देहरादून में पंजाब के मंत्रियों व विधायकों के साथ हुई बैठक की रिपोर्ट रावत शुक्रवार को हाईकमान को सौंपेंगे।उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत फिर पंजाब कांग्रेस के संकट के समाधान को सक्रिय हैं। पंजाब के 30 से ज्यादा विधायकों, जिनमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं, के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बागी तेवर दिखाने के बाद हाईकमान के निर्देश पर रावत ने इन विधायकों से बात की। इसके बाद बुधवार को चार मंत्री व तीन विधायक प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से मिलने देहरादून पहुंचे। एक होटल में लगभग ढाई घंटे तक चली बैठक के बाद मंत्री व विधायक पंजाब लौट गए, जबकि रावत ने कहा कि अब सभी संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा था कि वह जल्द अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंप देंगे।
रावत गुरुवार शाम चार बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना हुए। दिल्ली पहुंचने के बाद रावत ने जागरण से बातचीत में कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि पंजाब के राजनीतिक घटनाक्रम की स्टेटस रिपोर्ट वह शुक्रवार को पार्टी नेतृत्व को सौंप दें। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दोनों से वह मुलाकात करेंगे और उन्हें प्रभारी के नाते पंजाब के नवीनतम राजनीति हालात की जानकारी देंगे। संभावना यह भी है कि मुलाकात के दौरान वह कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पद से स्वयं को मुक्त करने की इच्छा भी व्यक्त कर दें।हरीश रावत के पास वर्तमान में दो महत्वपूर्ण दायित्व हैं। पंजाब के प्रभारी वह पहले से ही हैं और हाल ही में उन्हें उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंप दी है। उत्तराखंड और पंजाब, दोनों ही राज्यों में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं। इस स्थिति में रावत अब स्वयं के लिए उत्तराखंड में पूरा वक्त चाहते हैं। रावत ने बुधवार को कहा था कि वह जल्द हाईकमान के समक्ष स्वयं को पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त करने का अनुरोध करेंगे।
रावत गुरुवार शाम चार बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना हुए। दिल्ली पहुंचने के बाद रावत ने जागरण से बातचीत में कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि पंजाब के राजनीतिक घटनाक्रम की स्टेटस रिपोर्ट वह शुक्रवार को पार्टी नेतृत्व को सौंप दें। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दोनों से वह मुलाकात करेंगे और उन्हें प्रभारी के नाते पंजाब के नवीनतम राजनीति हालात की जानकारी देंगे। संभावना यह भी है कि मुलाकात के दौरान वह कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पद से स्वयं को मुक्त करने की इच्छा भी व्यक्त कर दें।हरीश रावत के पास वर्तमान में दो महत्वपूर्ण दायित्व हैं। पंजाब के प्रभारी वह पहले से ही हैं और हाल ही में उन्हें उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंप दी है। उत्तराखंड और पंजाब, दोनों ही राज्यों में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं। इस स्थिति में रावत अब स्वयं के लिए उत्तराखंड में पूरा वक्त चाहते हैं। रावत ने बुधवार को कहा था कि वह जल्द हाईकमान के समक्ष स्वयं को पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त करने का अनुरोध करेंगे।