
भाकुनी मैं आ रहा हूं। सवा घंटे चले हाइवोल्टेज ड्रामे के बाद यह बात एचआर बहुगुणा ने एसओ नीरज भाकुनी से कही। इतना सुनते ही भाकुनी ने लाउड स्पीकर नीचे रखा कि ऊपर से फायर की आवाज से सबकुछ बदल दिया। बहुगुणा ने अपने सीने पर गोली मार दी। अस्पताल पहुंचने तक उनकी मौत हो चुकी थी। मौत के असल कारण क्या हैं यह पुलिस तफ्तीश में सामने आएगा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बुधवार की सुबह 11 बजे ही एचआर बहुगुणा ओवरहेड टैंक में चढ़ गए थे। उन्होंने आसपास के बच्चे से पानी की चार बोतलें मंगाई और इसके बाद शराब पी। नशा सिर चढऩे पर उन्होंने पुलिस के डायल 112 टोल फ्री नंबर पर काल किया। दिनभर चला नाटकीय ड्रामा शाम पांच बजे से उग्र हो गया। एचआर बहुगुणा ने एचओ नीरज भाकुनी से कहा कि उन्हें गलत आरोपों में फंसाया जा रहा है। पुलिस उनके साथ इंसाफ नहीं कर रही है।
एसओ नीरज भाकुनी के अनुसार उन्होंने बहुगुणा को सवा घंटे तक समझाया। आश्वासन दिया कि उनके विरूद्ध दर्ज मुकदमों की निष्पक्ष जांच की जा रही है। इतना सुनते ही बहुगुणा ने आखिर बार एसओ से बोला कि भाकुनी मैं आ रहा हूं। भाकुनी भी समझ गए कि वह नीचे आ जाएंगे। इतने में ऊपर से फायर की आवाज सुनाई दी। भाकुनी के अनुसार वह दौड़कर ओवरहेड टैंक में पहुंचे और बहुगुणा की शर्ट फाड़कर गोली लगी जगह को बांध दिया। आसपास के घरों से चादर लेकर शव को नीचे लेकर आए। हाथ से बहुगुणा की पंपिंग करते हुए अस्पताल लाया गया। अथक प्रयास के बावजूद वह बहुगुणा को नहीं बचा पाए।
एचआर बहुगुणा ओवरहेड टैंक में आत्मदाह करने के इरादे से ही पहुंचे थे। इसकी तस्दीक उनकी जेब में मिले 315 बोर के दो तमंचे कर रहे थे। पुलिस के अनुसार बहुगुणा को बचाने के लिए जैसे ही ओवरहेड पर चढऩे लगे तो उन्होंने नीचे कूदकर आत्महत्या करने की धमकी दे दी। पुलिस उन्हें प्यार से समझाकर नीचे लाना चाहती थी। किसी को अंदाजा नहीं था कि उनकी जेब में तमंचे भी होंगे।
पुलिस ने मृतक की जेब व घटनास्थल पर मिले तमंचे को अपने कब्जे में ले लिया है। फोरेंसिंक साइंट टीम ने मौके पर पहुंचकर खून व अन्य सामान के सेंपल लिए। साक्ष्यों को जांच के लिए गुरुवार को फोरेंसिंक साइंस लैब रद्रपुर भेजा जाएगा।
आसपास के लोगों का कहना है कि उन्होंने ऐसी घटना पहले कभी नहीं दिखी। एचआर बहुगुणा बुधवार को ओवरहेड पर चढ़कर कूदने की धमकी दे रहे थे। इतनी ऊंचे ओवरहेड टैंक में बहुगुणा को देखकर ही उन्हें चक्कर आ रहे थे। बहुगुणा की मौत की खबर ने क्षेत्रवासी भी दुखी नजर आए।
अधिवक्ता पीएस पांडे का कहना है कि सिस्टम की लापरवाही ने बहुगुणा की जान ली। ओवरहेड टैंक पर गेट लगाने के लिए वह लंबे समय से अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से मांग कर रहे हैं। उनकी मांग की सुनवाई होती तो शायद बहुगुणा ओवरहेड टैंक में नहीं चढ़ते।