दोहा। कतर म्यूजियम और नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) के बीच भारत और कतर में म्यूजियम-इन-रेसिडेंस शैक्षणिक पहल विकसित करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह पांच साल की रणनीतिक साझेदारी बच्चों की शिक्षा, रचनात्मकता और अंतर-सांस्कृतिक संवाद को नई दिशा देगी।
यह समझौता कतर म्यूजियम (QM) की अध्यक्ष शेखा अल-मयासा बिन्त हमद बिन खलीफा अल थानी और रिलायंस इंडस्ट्रीज की निदेशक ईशा अंबानी की मौजूदगी में दोहा के कतर नेशनल म्यूजियम में किया गया।
इस पहल के तहत भारत और कतर दोनों देशों में ऐसे शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे जो:
- बच्चों को म्यूजियम-आधारित सीखने का अनुभव देंगे
- शिक्षकों और वॉलंटियर्स को नए टूल्स और इनोवेटिव टीचिंग मेथड्स उपलब्ध कराएंगे
- कक्षाओं में रचनात्मकता और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देंगे
कतर म्यूजियम की अध्यक्ष शेखा अल-मयासा ने कहा –
“क्रिएटिविटी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान आत्मविश्वास और सहानुभूति से भरे युवा शिक्षार्थियों की नई पीढ़ी को आकार देने के लिए बेहद जरूरी हैं। ईशा अंबानी के नेतृत्व में यह सहयोग हमारे शैक्षिक अनुभवों को भारत तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस साझेदारी से भारत में कक्षाओं तक वैश्विक शैक्षणिक टूल्स की पहुंच बढ़ेगी।
ईशा अंबानी ने कहा –
“संस्कृति वह है जहां कल्पना शुरू होती है और शिक्षा वह जगह है जहां क्षमता वास्तविक बनती है। इस साझेदारी का उद्देश्य हर बच्चे को सपने देखने और आत्मविश्वास से सीखने के लिए सशक्त बनाना है।”
🤝 रिलायंस फाउंडेशन की भूमिका
- भारत में NMACC, रिलायंस फाउंडेशन के साथ मिलकर कतर म्यूजियम के विशेषज्ञों द्वारा निर्देशित कार्यक्रम लागू करेगा।
- कतर के दादू चिल्ड्रन म्यूजियम के एक्सपर्ट्स मास्टरक्लास और व्यावहारिक ट्रेनिंग देंगे।
- कार्यक्रमों को शहरी, ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के स्कूलों, आंगनबाड़ियों और कम्युनिटी सेंटर्स तक पहुंचाया जाएगा।
यह साझेदारी:
- कतर के नेशनल विजन 2030 के तहत मानव और सांस्कृतिक विकास के लक्ष्य को मजबूत करती है।
- NMACC के लिए दुनिया के बेहतरीन शैक्षणिक और सांस्कृतिक आइडियाज भारत लाने की दिशा में एक अहम कदम है।
यह पहल न केवल भारत और कतर के रिश्तों को नई ऊंचाई देगी, बल्कि लाखों बच्चों को रचनात्मक, संवेदनशील और आत्मविश्वासी भविष्य की ओर बढ़ने में मदद करेगी। 🌟
