
इस बार केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग पर यात्रियों को हाइपोथर्मिया के साथ ही आक्सीजन की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा। सरकार इस ओर विशेष ध्यान दे रही है और धाम में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लगातार प्रयास हो रहे हैं।ठंड से यात्रियों की तबीयत बिगड़ने पर उनका तत्काल वार्म (हीटर) रूम में ले जाकर उपचार किया जाएगा।इस यात्रा सीजन में केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग में श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।ठंड से किसी भी यात्री की तबीयत न बिगड़े, इसके लिए पैदल मार्ग से धाम तक संचालित मेडिकल रिलीफ प्वाइंट (एमआरपी) में वार्म रूम स्थापित किए जा रहे हैं।
केदारनाथ में ठंड अधिक होने के कारण ज्यादातर यात्रियों को हाइपोथर्मिया से जूझना पड़ता है। लिहाजा, ऐसी स्थिति में पैदल मार्ग व धाम में स्थापित वार्म रूम में उनका उपचार किया जाएगा।इसके साथ ही आक्सीजन की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता रहेगी। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर नौ एमआरपी संचालित होती हैं। प्रत्येक एमआरपी में एक-एक विशेषज्ञ चिकित्सक, फार्मेसिस्ट और स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेगा।मुख्य चिकित्साधिकारी डा. बीके शुक्ला ने बताया कि इन सभी एमआरपी में वार्म रूम स्थापित किए जाएंगे। इनमें उच्च क्षमता के दो से चार हीटर लगाए जाएंगे। वार्म रूम का तापमान जरूरत के अनुसार सामान्य से ऊपर रखा जाएगा।
इससे यात्री ठंड से बचेंगे ही, हाइपोथर्मिया की स्थिति में उपचार में भी मदद मिलेगी। केदारनाथ धाम में भी वार्म रूम संचालित होगा। यहां उच्च तापमान के छह से आठ हीटर लगाए जाएंगे। बताया कि सिक्स सिग्मा व स्वास्थ्य विभाग यात्रियों को हरसंभव सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रयासरत है।यात्रा तैयारियों के लिए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का 21-सदस्यीय अग्रिम दल आज केदारनाथ के लिए रवाना होगा। यह दल छह मई को धाम के कपाट खुलने से पूर्व मंदिर परिसर व मंदिर समिति के हट्स में बुनियादी सुविधाएं बहाल करेगा।
मंदिर समिति के प्रभारी कार्याधिकारी रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि अग्रिम दल समिति के सहायक अभियंता गिरीश चंद्र देवली के नेतृत्व में केदारनाथ जा रहा है।