
देहरादून, 13 अक्टूबर:
उत्तराखंड सरकार ने रविवार को एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए नैनीताल, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिलों के जिलाधिकारियों (DM) का तबादला कर दिया है। साथ ही आईएएस, पीसीएस, आईएफएस और सचिवालय सेवा के कुल 44 अधिकारियों के कार्यभार में भी बदलाव किया गया है।
कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार:
📌 प्रमुख जिलाधिकारी तबादले:
- ललित मोहन रयाल — नैनीताल के नए डीएम, वंदना की जगह
- गौरव कुमार — चमोली के नए डीएम, संदीप तिवारी की जगह
- आकांक्षा कोंडे — बागेश्वर की नई डीएम, आशीष कुमार भटगांई की जगह
- अंशुल सिंह — अल्मोड़ा के डीएम बनाए गए
- आशीष कुमार भटगांई — पिथौरागढ़ के डीएम बनाए गए
- विनोद गिरी गोस्वामी — पिथौरागढ़ डीएम पद से हटाकर शहरी विकास निदेशक नियुक्त
🏢 अन्य प्रमुख बदलाव:
- वंदना — महानिदेशक कृषि एवं उद्यान, साथ ही अपर सचिव नियोजन
- संदीप तिवारी — निदेशक समाज कल्याण विभाग
- आलोक कुमार पांडे — मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पीएमजीएसवाई एवं आईटीडीए निदेशक
- रणवीर सिंह चौहान — आयुक्त खाद्य, कृषि विभाग से हटाए गए
- धीराज सिंह गर्ब्याल — ग्राम्य विकास व यूजीवीएस का अतिरिक्त प्रभार
- हिमांशु खुराना — वन विभाग का अतिरिक्त प्रभार
- विनीत कुमार — अपर सचिव श्रम, वन विभाग से हटाए गए
- प्रकाश चंद्र — आयुक्त दिव्यांगजन बनाए गए
- दीप्ति सिंह — उद्यान विभाग का अतिरिक्त प्रभार हटाया गया
- सुनील सिंह — अपर सचिव राजस्व व सचिवालय प्रशासन
- ललित नारायण मिश्र — मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार
- अशोक कुमार पांडे — उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में सचिव
- सुंदर लाल सेमवाल — निदेशक उद्यान, उत्तरकाशी से
- जय भारत सिंह — मुख्य विकास अधिकारी, उत्तरकाशी
- जयबर्द्धन शर्मा — परीक्षा नियंत्रक, लोक सेवा आयोग
- युक्ता मिश्र — एडीएम अल्मोड़ा
- कृष्ण नाथ गोस्वामी — एमडीएम चंपावत
👩💼 डिप्टी कलेक्टर एवं अन्य अधिकारी:
- ऋचा सिंह — डिप्टी कलेक्टर, ऊधमसिंह नगर
- सोहन सिंह — डिप्टी कलेक्टर, रुद्रप्रयाग
- चतर सिंह — डिप्टी कलेक्टर, पौड़ी
- अनिल कुमार चन्याल — डिप्टी कलेक्टर, बागेश्वर
- परितोष वर्मा — नगर आयुक्त, हल्द्वानी
- सोनिया पंत — उप निदेशक, शहरी विकास निदेशालय
- नरेश चंद्र दुर्गापाल — संयुक्त संचालक चकबंदी
- रजा अब्बास — अपर नगर आयुक्त देहरादून से हटाए गए
यह व्यापक फेरबदल राज्य सरकार की प्रशासनिक दक्षता और कार्यक्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अधिकारियों को नई जिम्मेदारियों के साथ जमीनी स्तर पर शासन को और प्रभावी बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।