
अब किसी भी शहर का मास्टर प्लान 10 या 20 साल के लिए नहीं बनेगा। इसके बजाए हर दो से तीन साल में सरकार इन मास्टर प्लान की समीक्षा कर उसमें संशोधन करेगी। इस संबंध में निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। प्रदेश में शहरों के नियोजित विकास के लिए अभी तक 10 से 20 साल के मास्टर प्लान बनते हैं। देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, नैनीताल सहित सात शहरों के 20 साल के मास्टर प्लान बन भी रहे हैं।
इस बीच सरकार ने तय किया है कि अब इन मास्टर प्लान में समय की जरूरतों के हिसाब से बदलाव किए जाएंगे। सरकार हर दो से तीन साल में इन मास्टर प्लान की समीक्षा करेगी। समीक्षा में सभी संबंधित विभागों को बुलाकर शहर के विकास, बढ़ती आबादी, सड़कों की चौड़ाई से लेकर सीवर लाइन, पेयजल योजनाओं, बिजली, वाहनों की संख्या आदि का अध्ययन करेगी। इस आधार पर मास्टर प्लान को संशोधित किया जाएगा। समय-समय पर संशोधन होने से लंबे समय के विकास का मजबूत खाका तैयार हो सकेगा।