
आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय का नाम बदल सकता है। विश्वविद्यालय का विवादों से पीछा नहीं छूटने की वजह से आयुष व आयुष शिक्षा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने विश्वविद्यालय का नाम बदलने पर विचार करने की बात कही है। विभागीय मंत्री का यह तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा है।आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय का विवादों से नाता बहुत पुराना है। कुलसचिवों से लेकर कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर विवाद रहे हैं। एक कुलसचिव के खिलाफ जांच चल रही है तो एक कुलपति को गलत नियुक्ति की वजह से हटाने की नौबत आ गई थी। यह सिलसिला थम नहीं पा रहा है।
हाल ही में शासन ने विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों समेत विभिन्न अनियमितता की शिकायतों को लेकर एक दर्जन से अधिक बिंदुओं पर ब्योरा तलब कर लिया है। एक के बाद एक मामले सामने आने के बाद अब विभागीय मंत्री नए फार्मूले को आजमाने के पक्ष में है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को विवादों से छुटकारा दिलाने को इसका नाम बदलने पर विचार किया जा रहा है।विवादों की वजह से विश्वविद्यालय की छवि और छात्र-छात्राओं के मनोबल पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का नाम महर्षि चरक के नाम पर करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि नए नामकरण के जरिये विश्वविद्यालय की छवि सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं।
12 अगस्त को राज्य की सतत विकास यात्रा में युवाओं की भागीदारी तय करने को नियोजन विभाग वेबिनार आयोजित करेगा। अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार ने बताया कि राज्य स्तरीय वेबिनार में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों के छात्र-छात्राएं, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक और एनसीसी कैडेट भागीदारी करेंगे। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं।वेबिनार नियोजन विभाग का प्रकोष्ठ सेंटर फार पब्लिक पालिसी एंड गुड गवर्नेंस आयोजित करेगा। उन्होंने बताया कि वेबिनार में राज्य सरकार के अधिकारी युवाओं को सतत विकास लक्ष्य पर जानकारी देंगे। युवा उद्यमियों, सामाजिक व पर्यावरणीय कार्यों में लगे युवाओं की सफल पहल पर विस्तार से प्रकाश डाला जाएगा। प्रकोष्ठ की ओर से उत्तराखंड विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता व क्विज भी होगी। इसमें पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर रहने वाले युवाओं को पुरस्कृत किया जाएगा।