
देश में पिछले सात सालों में तकरीबन साढ़े नौ लाख लोगों ने सुसाइड किया है। इस संबंध में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau, NCRB) की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया कि सात सालों में साढ़े नौ लाख लोगों ने आत्महत्या की है। एनसीआरबी की इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस का आरोप है कि ‘अच्छे दिन’ का वादा करके सत्ता पर काबिज होने वाली भाजपा नीत केंद्र सरकार ने लोगों को इतना निराश कर दिया कि लोग आत्महत्या कर रहे हैं।विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों ने किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर किया है। बता दें कि एनसीआरबी ने ‘सुसाइड्स एंड एक्सीडेंटल डेथ्स इन इंडिया’ नाम की रिपोर्ट जारी की है, जिसमें 2014 से लेकर 2020 के दौरान आत्महत्या और सड़क दुर्घटना में हुई मौतों का आंकड़ा दिया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता (Congress Spokesperson) रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने एक बयान में कहा कि आत्महत्या करने वाले छात्रों और बेरोजगारों की संख्या में क्रमश: 55 फीसद और 58 फीसद की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने वाले किसानों, मजदूरों और दिहाड़ी मजदूरों की संख्या में 139.37 फीसद की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, सभी श्रेणियों में कुल मिलाकर आत्महत्याओं की संख्या में 16.24 फीसद की वृद्धि हुई है।सुरजेवाला ने आगे कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों से ‘लोक सुधार’ की बजाय सरकार की ‘यमलोक सिद्धार’ तस्वीर सामने आई है। उन्होंने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण पिछले सात सालों में 78,303 किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो गए, जिनमें से 35,122 खेतों में काम करने वाले मजदूर थे। कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्ष 2019 से 2020 तक आत्महत्या की संख्या में 19 फीसद की वृद्धि हुई है।