
पश्चिम बंगाल के पहाड़ी जिलों दार्जिलिंग और कालिम्पोंग में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन और पुलों के टूटने की घटनाएं सामने आई हैं। अब तक की जानकारी के अनुसार, कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग बेघर हो गए हैं और बुनियादी ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है।
सबसे ज्यादा नुकसान मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में देखने को मिला है, जहां तीन लोगों की मौत भूस्खलन की चपेट में आने से हुई है। वहीं, कालिम्पोंग जिले में भी हालात काफी गंभीर बने हुए हैं। भारी बारिश के कारण कई सड़कों का संपर्क टूट गया है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में भी बाधा आ रही है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए दार्जिलिंग जिला प्रशासन और पुलिस राहत कार्यों में युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं। बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।
इस त्रासदी पर दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्ता ने गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में भारी बारिश के चलते हुए जानमाल के नुकसान से मैं बहुत दुखी हूं। हमने भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत कार्य में जुटने के निर्देश दे दिए हैं। मैं खुद स्थिति पर नजर रख रहा हूं और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हूं।”
सांसद ने अन्य राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से भी अपील की है कि वे आपसी सहयोग के साथ ज़रूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने में मदद करें।
भारी बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है। कई क्षेत्रों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। बिजली और संचार सेवाएं भी कई स्थानों पर प्रभावित हुई हैं।
प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि अगले 24 घंटे भी मौसम खराब रहने की संभावना है, ऐसे में लोग सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।