
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रही है। चुनाव अभियान में कहीं किसी तरह की चूक अथवा कमीबेशी न रहे, इस पर खास ध्यान केंद्रित किया गया है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सभी जिला इकाइयों के अध्यक्ष व पूर्व अध्यक्षों के अलावा पूर्व विधायकों से फीडबैक लिया। जिलों में चुनावी तैयारी के अलावा टिकट के दावेदारों के संबंध में रायशुमारी करने के साथ ही और उनकी धरातलीय स्थिति की जानकारी भी ली।केंद्रीय मंत्री जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय, प्रदेश सह चुनाव प्रभारी लाकेट चटर्जी समेत अन्य नेताओं की मौजूदगी में सभी जिलाध्यक्षों, पूर्व जिलाध्यक्षों व पूर्व विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की। पार्टी सूत्रों के अनुसार चुनाव प्रभारी जोशी ने जिले में चुनाव प्रबंधन समिति के कामकाज समेत कई बिंदुओं पर रायशुमारी की। साथ ही उन्होंने चुनाव में जीत के लिए टिप्स भी जिलाध्यक्षों को दिए। उन्होंने जिलाध्यक्षों व पूर्व जिलाध्यक्षों को आपसी समन्वय व पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुटने को कहा। पूर्व विधायकों से भी उन्होंने यही अपेक्षा की।
सूत्रों ने बताया कि जोशी ने मुलाकात के दौरान प्रत्येक जिले की विधानसभा सीटों में टिकट के दावेदारों के नाम भी पूछे। साथ ही उनकी क्षेत्र में पकड़, सक्रियता, छवि आदि के बारे में भी ब्योरा लिया। कुछेक पूर्व विधायकों ने स्वयं को दावेदार बताया। इस पर जोशी ने उनसे स्वयं के अलावा अन्य दावेदारों के बारे में भी जानकारी ली।लैंसडौन क्षेत्र से भाजपा विधायक दिलीप रावत ने कहा कि वह भाजपा के हैं और भाजपा में ही रहेंगे। रावत ने यह बात इंटरनेट मीडिया में आई उन खबरों के परिप्रेक्ष्य में कही, जिनमें कहा गया कि वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इंटरनेट मीडिया में बुधवार को अचानक यह खबर चली कि विधायक दिलीप रावत ने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की है और वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। रावत की कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत से चल रही तनातनी को इससे जोड़कर देखा गया। इस बारे में संपर्क करने पर विधायक दिलीप रावत ने कहा कि वह कहीं नहीं गए। वह देहरादून में ही हैं। विरोधियों द्वारा षड्यंत्र के तहत इस प्रकार का दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं और रहेंगे। किसी अन्य दल में जाने की वह सोच भी नहीं सकते।