
गुजरे दो माह से बिना वेतन काम कर रहे रोडवेज के करीब साढ़े छह हजार कार्मिकों को दिसंबर का वेतन जारी कर दिया गया है। मंगलवार को रोडवेज मुख्यालय ने समस्त मंडल एवं डिपो प्रबंधकों को दिसंबर का वेतन वितरित कर कार्मिकों के खाते में ट्रांसफर करने का आदेश दिया। मुख्यालय ने भरोसा दिया है कि अगले 15 दिन में जनवरी का वेतन भी वितरित कर दिया जाएगा।कोरोना की तीसरी लहर के कारण वित्तीय संकट झेल रहे रोडवेज कर्मियों को दिसंबर से वेतन नहीं मिला था। इसे लेकर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद एक हफ्ते से प्रदेश के सभी डिपो व कार्यशाला में एक घंटे का कार्य बहिष्कार कर रही। इस बीच, शासन ने पर्वतीय मार्गों पर बस संचालन से हो रहे घाटे की मद में 12.70 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए। यह धनराशि सोमवार को रोडवेज के खाते में पहुंच गई। इसके बाद मंगलवार से वेतन वितरण की प्रक्रिया आरंभ हो गई। बता दें कि, पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर में अप्रैल, मई व जून का वेतन राज्य सरकार से मिले ऋण के आधार पर वितरित किया गया था जबकि जुलाई से नवंबर तक का वेतन रोडवेज ने अपने संसाधन से दिया था। इसके बाद कोरोना संक्रमण बढऩे की वजह से रोडवेज की आय पर फिर विराम लग गया। मंगलवार को दिसंबर का वेतन जारी करने के बाद प्रबंधन पर इस समय जनवरी का वेतन लंबित है, जबकि फरवरी के खत्म होते ही दो माह का वेतन लंबित हो जाएगा।
महाप्रबंधक संचालन (दीपक) जैन ने बताया कि शासन ने 12.70 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, जिससे दिसंबर का वेतन दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि अगले 15 से 20 दिन या फिर मार्च के दूसरे हफ्ते में जनवरी का वेतन भी मिल जाएगा। शासन में 12.50 करोड़ रुपये की डिमांड दी गई है, जिसे सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। महाप्रबंधक ने बताया कि रोडवेज को वेतन के लिए हर माह 20 करोड़ रुपये जरूरत होती है। बाकी की धनराशि रोडवेज अपने संसाधन से वहन करेगा।
दो माह के वेतन भुगतान, एसीपी मामले में वेतन से कटौती पर रोक एवं अन्य मांगों को लेकर एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दिसंबर का वेतन मिलने के बावजूद आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। रोडवेज की तरफ से महाप्रबंधक दीपक जैन ने संयुक्त परिषद से निगम हित में और बस संचालन सुचारू रखने को आंदोलन स्थगित करने का आग्रह भी किया, लेकिन परिषद ने इससे मना कर दिया। परिषद ने मंगलवार को भी प्रदेश की समस्त कार्यशाला व डिपो में एक घंटे कार्य बहिष्कार कर नारेबाजी की। प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, उनका आंदोलन प्रदेशभर में जारी रहेगा। परिषद ने उत्तर प्रदेश से हुए परिसंपत्ति के बंटवारे की एवज में रोडवेज को मिलने वाले 205 करोड़ रुपये भी जल्द लेने की मांग की।